राज्यसभा के दोवार्षिक चुनावों में कांग्रेस की 11 सीटें खाली हो रही हैं और अगर बिहार व झारखंड में सहयोगी पार्टियों ने सद्भाव नहीं दिखाया तो उसे नौ सीटें मिलेंगी। इन नौ सीटों के लिए कांग्रेस के कई पुराने नेता दावेदारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि केंद्र की राजनीति छोड़ कर मध्य प्रदेश चले गए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यसभा सीट की दावेदारी की है। वे छिंदवाड़ा सीट से नौ बार सांसद रहे हैं लेकिन पिछले चुनाव में उन्होंने बेटे नकुल नाथ को वह सीट दे दी। वे दो बार से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे थे। अब भी वे विधायक हैं। लेकिन राज्य में कांग्रेस को मिलने वाली एक राज्यसभा सीट पर उन्होंने दावेदारी की है। सोनिया गांधी से मिल कर उन्होंने इसका दावा किया है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव भी चाहते हैं कि उनको राज्यसभा मिले। वे भी विधायक हैं लेकिन दिल्ली की राजनीति में हाथ आजमाना चाहते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा चाहते हैं कि हिमाचल प्रदेश की एक सीट से उनको राज्यसभा में भेजा जाए। वे कई बार राज्यसभा के सांसद ही रहे हैं और अब भी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद अभिषेक सिंघवी का कार्यकाल खत्म हो रहा है और वे अपने गृह राज्य राजस्थान से उच्च सदन में जाने के जुगाड़ में लगे हैं। पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन और भंवर जितेंद्र सिंह की दावेदारी भी मजबूत है। पार्टी की सर्वोच्च नेता सोनिया गांधी और उनकी बेटी व पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम की भी चर्चा है।