राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

आईआईपीएस के निदेशक का निलंबन क्यों?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ पॉपुलेशन साइंस, आईआईपीएस के निदेशक केएस जेम्स को निलंबित कर दिया गया है। सरकार की ओर से बताया गया है कि उनके कार्यकाल में हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी पाई गई है। बताया जा रहा है कि 35 नियुक्तियों की जांच हो रही है, जिनमें से 11 में गड़बड़ी पाई गई और उसके बाद जेम्स को निलंबित कर दिया गया। यह भी कहा गया है कि उनके निलंबन के पीछे कोई दुर्भावना नहीं है, बल्कि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए उनको पद से हटाया गया है। लेकिन इसके पीछे असल में कुछ और कहानी बताई जा रही है।

जानकार सूत्रों का कहना है कि आईआईपीएस के कामकाज और उसके द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट से सरकार खुश नहीं है। ध्यान रहे आईआईपीएस का मुख्य काम नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे का होता है। इसमें कई आंकड़े ऐसे सामने आए हैं, जो सरकार को मुश्किल में डालने वाले हैं। जैसे नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-पांच में एक आंकड़ा है कि भारत में 19 फीसदी लोग शौचालय का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इसका मतलब है कि वे खुले में शौच के लिए जाते हैं। सोचें, केंद्र सरकार ऐलान कर चुकी है कि भारत खुले में शौच से मुक्त हो गया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार यह बात कही है। लेकिन भारत सरकार का सर्वे बताता है कि 19 फीसदी लोग यानी करीब 27 करोड़ लोग अब भी खुले में शौच करते हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि लक्षद्वीप को छोड़ कर पूरे देश में कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ऐसा नहीं है, जहां सौ फीसदी लोगों को शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो। ट

इसी सर्वे में यह भी बताया गया है कि देश में 40 फीसदी घरों में खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन उपलब्ध नहीं है। यह आंकड़ा केंद्र सरकार के एक और दावे की धज्जी उड़ाता है। भारत सरकार दावा है कि उज्ज्वला योजना के तहत करोड़ों घरों में मुफ्त रसोई गैस सिलिंडर दिए गए हैं, जिससे महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिली है। लेकिन नेशनल हेल्थ सर्वे का डाटा कुछ और कहानी बताता है। इसके मुताबिक ग्रामीण इलाकों में 57 फीसदी घरों में एलपीजी या रसोई गैस की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

Tags :
Published
Categorized as Reports

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *