भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भाजपा में आंतरिक चुनाव नहीं होने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिख कर उनके अध्यक्ष बनने और उनके कार्यकाल का विस्तार किए जाने पर सवाल उठाया है। स्वामी ने यह चिट्ठी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की है। उन्होंने दावा किया है कि भाजपा में पार्टी के संविधान के मुताबिक सांगठनिक पदों पर चुनाव नहीं होता है।
अपनी पार्टी के संविधान और चुनाव आयोग के नियमों का हवाला देते हुए स्वामी ने कहा है कि अगर पार्टी अध्यक्ष के कार्यकाल का विस्तार किया जाता है तो वह भी चुनाव के जरिए ही होना चाहिए।
चिट्ठी लिखने के साथ ही स्वामी ने पार्टी अध्यक्ष से न सिर्फ जवाब की अपेक्षा जताई है, बल्कि यह भी लिखा है कि वे निजी तौर पर मिल कर भी इस बारे में बात करने के लिए उपलब्ध हैं। लेकिन ऐसा नहीं होने की स्थिति में उन्होंने अदालत जाने की भी चेतावनी दी है। उन्होंने एक महीने का समय दिया है और कहा है कि अगर उनको पार्टी की ओर से जवाब नहीं मिलता है तो वे पार्टी अध्यक्ष के चुनाव और कार्यकाल में विस्तार को अदालत में चुनौती देंगे। गौरतलब है कि राज्यसभा से रिटायर होने के बाद स्वामी भाजपा नेतृत्व पर सवाल उठाने लगे थे लेकिन अब ज्यादा मुखर हो गए हैं। अब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की विदेश नीति, आर्थिक नीति और सामरिक नीति की खुल कर आलोचना कर रहे हैं।