कांग्रेस पार्टी कर्नाटक का मामला नहीं सुलझा पा रहा है। रविवार को दिल्ली में ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ रैली में हिस्सा लेने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दोनों आए थे। दोनों की मुलाकात कांग्रेस आलाकमान के नेताओं से हुई लेकिन बताया जा रहा है कि नेतृत्व का मामला नहीं सुलझाया जा सका। देर शाम को मुख्यमंत्री वापस लौट गए क्योंकि बेलगावी में विधानसभा का सत्र चल रहा है। लेकिन उप मुख्यमंत्री शिवकुमार दिल्ली में रूके। यह जानकारी नहीं है कि रविवार की रात को उनकी किन नेताओं से मुलाकात हुई और उनके मुख्यमंत्री बनने को लेकर क्या चर्चा हुई। लेकिन यह हकीकत है कि कर्नाटक में अब भी मामला तलवार की धार पर है।
गौरतलब है कि पार्टी आलाकमान के कहने पर सिद्धारमैया और शिवकुमार ने एक दूसरे को अपने घर नाश्ते पर बुलाया और मीडिया के सामने एकजुटता की तस्वीर दिखाई। लेकिन अंदरखाने सब कुछ पहले जैसा चल रहा है। बताया जा रहा है कि पिछले हफ्ते शिवकुमार के समर्थक विधायकों ने एक डिनर पार्टी का आयोजन किया। इसमें जो चर्चा हुई उसका लब्बोलुआब यह है कि शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। उनके समर्थक एक मुस्लिम विधायक ने बाद में सामने आकर कहा कि छह या नौ जनवरी को कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन हो जाएगा। उनका कहना था कि सिद्धारमैया सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहने का देवराज अर्स का रिकॉर्ड तोड़ देंगे उसके बाद उनको हटा दिया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो शिवकुमार 14 जनवरी के बाद किसी दिन शपथ लेंगे। हालांकि दूसरी ओर मुख्यमंत्री के बेटे यतींद्र ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने साफ कर दिया है कि कोई परिवर्तन नहीं होने जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आलाकमान की ओर से सिद्धारमैया को क्या निर्देश दिया जाता है और वे उसका कितना पालन करते हैं।


