सारा देश इस बात की खुशी मना रहा है कि मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका ने भारत भेज दिया। इसे नरेंद्र मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक सफलता के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान भी यह खबर आई थी कि अमेरिका राणा को भारत भेज रहा है।
अंत में सुप्रीम कोर्ट से उसकी प्रत्यर्पण रोकने की अपील खारिज होने के बाद उसको भारत लाया गया। उसे एनआईए की हिरासत में रखा गया है। लेकिन भारत के गृह सचिव जीके पिल्लई इस बात से बहुत उत्साहित या खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि राणा तो बहुत छोटी मछली है। बड़ा दोषी, बल्कि मुख्य साजिशकर्ता तो डेविड कोलमैन हेडली है, जिसे अमेरिका ने भारत नहीं भेजा।
जीके पिल्लई का यह बात कहना इसलिए अहम है क्योंकि वे मुंबई आतंकी हमले के बाद भारत के गृह सचिव बने थे और उनके समय में भारत ने हेडली को अमेरिका से लाने का प्रयास किया था। लेकिन अमेरिका ने उसे भेजने से इनकार कर दिया क्योंकि वह अमेरिका का एजेंट था और डबल क्रॉस करके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी एजेंड बन गया था। उसकी मां अमेरिकी थी और बाप पाकिस्तान था।
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लेकिन उसने अपने पासपोर्ट पर सिर्फ मां का नाम रखा था, जिससे कभी उस पर पाकिस्तानी होने का संदेह नहीं गया। उसने मुंबई पर हमले की साजिश रची और उसको अंजाम देने का बंदोबस्त किया। लेकिन अमेरिका ने उसे भारत को सौंपने से इसलिए मना कर दिया कि उसने प्ली बारगेनिंग कर ली है यानी अपराध स्वीकार कर लिया है और उस डील के तहत उसको जो सजा होने थी, जो वहां हो गई है। भारत सरकार भी उस पर ध्यान नहीं दे रही है क्योंकि उसे भी तहव्वुर राणा में ज्यादा दिलचस्पी है। मुस्लिम नाम होने की वजह से तहव्वुर राजनीतिक रूप से ज्यादा कीमती है।
Pic Credit: ANI