पश्चिम बंगाल के 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर के बाद राज्य में राजनीति तेज हो गई है। ध्यान रहे पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोगों की नियुक्ति रद्द होने का बड़ा असर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की राजनीति पर पड़ेगा।
चूंकि ममता सरकार के मंत्री रहे पार्थ चटर्जी इस मामले में पकड़े गए हैं और उनके ठिकानों पर छापेमारी में 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी जब्त हुई है। इसलिए जवाब तो ममता सरकार को ही देना होगा। सो, ममता बनर्जी आक्रामक हैं और उन्होंने इस फैसले को चुनौती देने का ऐलान किया है।
दूसरी ओर उनके संभावित सहयोगी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी इसे लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी है। इस मामले में ममता बनर्जी और राहुल गांधी ने एक जैसा स्टैंड लिया है। दोनों ने कहा है कि जो निर्दोष शिक्षक हैं यानी जो गड़बड़ी में शामिल नहीं थे उनकी नौकरी बचाई जाए। हालांकि सवाल है कि कैसे पता चलेगा कि कौन निर्दोष है और कौन गड़बड़ी में शामिल था?
इस मामले का जो भी समाधान निकले लेकिन यह साफ हो गया है कि ममता और कांग्रेस नजदीक आ रहे हैं। कांग्रेस ने लेफ्ट और भाजपा की तरह राज्य सरकार पर निशाना साध कर ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग नहीं की है। इससे पहले भी कई मौके पर दोनों पार्टियों के बीच तालमेल दिखा है। डुप्लीकेट वोटर लिस्ट के मामले में भी ममता का मुद्दा राहुल गांधी ने संसद में उठाया था। कहा जा रहा है कि जल्दी सीट शेयरिंग पर बात शुरू हो सकती है।
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