प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में 85 मिनट तक भाषण दिया और 2004 से 2014 के बीच की यूपीए सरकार के कार्यकाल को घोटालों का दशक कहा। उन्होंने एक के बाद एक घोटाले गिनाए और कहा कि वह भारत के लिए मौका था, लेकिन कांग्रेस ने उस मौके को मुसीबत में बदल दिया। उन्होंने कहा कि आईटी में मौका बना तो 2जी घोटाला हो गया। ईंधन में मौका बना तो कोयला घोटाला हो गया। कॉमनवेल्थ खेल हुआ तो खेल घोटाला हो गया। रक्षा में मौका बना तो हेलीकॉप्टर घोटाला हो गया।
उनके भाषण से एक दिन पहले रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस करके आरोप लगाया और कहा कि राहुल गांधी, उनकी मां और बहनोई जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने राहुल से यह भी पूछा कि उनके बहनोई इतने अमीर कैसे हुए। ऐसा लगता है कि रविशंकर प्रसाद इस बात से बहुत नाराज हो गए थे कि गौतम अदानी के रातों रात अमीर होने के बारे में राहुल गांधी ने कैसे सवाल किया। इसलिए वे कांग्रेस पार्टी और नेहरू-गांधी परिवार के प्रति जितनी संभव हो सकती थी उतनी अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करके हमला किया। पर सवाल है कि चाहे रविशंकर प्रसाद ने बताए हों या प्रधानमंत्री मोदी ने गिनाएं हों पर उन घोटालों में हुआ क्या?
केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में 2जी, कोयला और कॉमनवेल्थ खेल में हुए कथित घोटाले की सबसे बड़ी भूमिका है। लेकिन इन मामलों की आज क्या स्थिति है? हकीकत यह है कि कथित एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए के 2जी घोटाले के सारे आरोपी निचली अदालत से बरी हो गए। यूपीए की सरकार ने उस समय तमाम आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल में डाला था। अपनी सहयोगी डीएमके के नेताओं के यहां छापे डलवाए थे और उनको गिरफ्तार किया था। लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार में सब छूट गए। निचली अदालत से बरी किए जाने के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी गई है लेकिन वह औपचारिकता ही है।
इसी तरह कॉमनवेल्थ खेल घोटाले में उस समय के ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद सुरेश कलमाड़ी को कांग्रेस की सरकार ने गिरफ्तार किया था और खेल संस्थानों से जुड़े अनेक अन्य लोग भी पकड़े गए थे। लेकिन बाद में सब रिहा हो गए और नौ साल से काम कर रही मोदी सरकार ने कोई सुध नहीं ली है कि इसके आरोपियों को सजा दिलाई जाए। कथित कोयला घोटाला तीन लाख करोड़ रुपए का बताया जा रहा था लेकिन उस समय के कोयला सचिव एचसी गुप्ता को छोड़ दें तो पिछले नौ साल में किसी के खिलाफ कार्रवाई होने की सूचना नहीं है। हेलीकॉप्टर घोटाला हो या इसरो घोटाला हो या आदर्श घोटाला हो, जिन पर राजनीति करके केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है उनमें से किसी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। रविशंकर प्रसाद पूछ रहे थे कि राहुल के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा कैसे अमीर हुए? पिछले 19 साल से यह सवाल पूछा जा रहा है और नौ साल से भाजपा की सरकार है, जिसमें कई साल रविशंकर प्रसाद भी मंत्री रहे तो सरकार ने यह पता लगाने के लिए जांच क्यों नहीं कराई कि वाड्रा कैसे अमीर हुए? अगर कांग्रेस अदानी की अमीरी का राज पूछ रही है तो जेपीसी जांच की मांग कर रही है, भाजपा चाहे तो वाड्रा की जांच के लिए जेपीसी बना सकती है।