कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि नेहरू गांधी परिवार के तीन सदस्य एक साथ कांग्रेस कार्य समिति में होंगे। इससे पहले संभवतः कभी ऐसा नहीं हुआ है। परिवार के दो सदस्य तो एक साथ कार्य समिति में रहे हैं। लेकिन कांग्रेस की जो नई कार्य समिति बनेगी उसमें परिवार के तीन सदस्य एक साथ रहेंगे। कांग्रेस ने संविधान में संशोधन करके पूर्व अध्यक्षों को स्थायी सदस्य बनाने की व्यवस्था कर दी है। ध्यान रहे पार्टी में अभी सिर्फ दो ही पूर्व अध्यक्ष हैं। एक तो 20 साल से ज्यादा समय तक अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी और दूसरे करीब दो साल तक अध्यक्ष रहे राहुल गांधी। सो, ये दोनों कार्य समिति के सदस्य रहेंगे। सोनिया गांधी भले सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लें लेकिन कार्य समिति की सदस्य बनी रहेंगी।
कांग्रेस कार्य समिति में तीसरी सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा होंगी। अगर संविधान के मुताबिक कार्य समिति के 11 सदस्यों का चुनाव होता तो प्रियंका के चुनाव लड़ने की संभावना थी। लेकिन अब सभी 23 सदस्य मनोनीत होंगे। बताया जा रहा है कि पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उनको कार्य समिति में मनोनीत करेंगे। वैसे भी वे चार साल से पार्टी की महासचिव हैं, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की प्रभारी रही हैं और हाल ही में हिमाचल प्रदेश के चुनाव में उन्होंने अकेले प्रचार किया और चुनाव जीतने का श्रेय उनको दिया गया। राहुल गांधी उस समय भारत जोड़ो यात्रा कर रहे थे। रायपुर के कांग्रेस अधिवेशन में भी प्रियंका गांधी वाड्रा को मंच पर प्रमुखता से जगह मिली थी। वे आगे के चुनावों में भी कांग्रेस की स्टार प्रचारक रहने वाली हैं। इसलिए कार्य समिति में उनके लिए स्वाभाविक रूप से जगह बनती है।