nayaindia BJP ordinance भाजपा क्या फाड़े गए अध्यादेश के पक्ष में है?
सर्वजन पेंशन योजना
राजरंग

भाजपा क्या फाड़े गए अध्यादेश के पक्ष में है?

ByNI Political,
Share

भारतीय जनता पार्टी के नेता, उसके मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री तक राहुल गांधी की सदस्यता जाने के लिए उनको जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वे बार बार कह रहे हैं कि राहुल गांधी ने खुद अपने  पैरों पर कुल्हाड़ी मारी। अगर उन्होंने 2013 में मनमोहन सिंह की सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश की प्रति नहीं फाड़ी होती तो उसी समय कानून बन जाता और निचली अदालत से सजा होने पर किसी की सदस्यता नहीं जाती। तभी सवाल है कि क्या भाजपा और उसके नेता राहुल गांधी द्वारा फाड़े गए अध्यादेश के पक्ष में हैं? क्या उनको लग रहा है कि वह कानून बना होता तो अच्छा होता? अगर ऐसा है तो पार्टी अब क्यों नहीं वैसा कानून बना देती है?

ध्यान रहे लिली मैथ्यू मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सरकार अध्यादेश लाई थी, जिसमें यह प्रावधान था कि जब तक सर्वोच्च अदालत से सजा नहीं हो जाती है तब तक सदस्यता नहीं जाएगी और न चुनाव लड़ने पर रोक लगेगी। लेकिन राहुल ने उसे कानून नहीं बनने दिया। इसे लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि राहुल गांधी अपने कर्मों की सजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर वे अध्यादेश नहीं फाड़ते तो आज सदस्यता नहीं जाती। यही बात केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कही है। उन्होंने कहा है कि लालू प्रसाद की आह  लगी है, जो राहुल की सदस्यता गई है। गौरतलब है कि राहुल गांधी के अध्यादेश फाड़ने के बाद लालू प्रसाद पहले नेता था, जिनकी सदस्यता गई थी। वे लोकसभा के सांसद थे लेकिन उनको निचली अदालत ने चारा घोटाले में सजा सुनाई और उनकी सदस्यता चली गई।

Tags :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ten − 8 =

और पढ़ें

Naya India स्क्रॉल करें