कर्नाटक में नतीजे आने के एक हफ्ते के अंदर कांग्रेस के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और आठ मंत्रियों की शपथ हुई थी और उसके एक हफ्ते बाद 24 और मंत्रियों की शपथ हो गई। यानी मंत्रिमंडल में अधिकतम जितने मंत्री हो सकते थे उतने बन गए हैं और उनके विभागों का बंटवारा भी हो गया है। लेकिन एक साल बाद में महाराष्ट्र का इंतजार चल रहा था। सबको पता है कि यह सामान्य बात नहीं है और इस पर बार बार सवाल उठेंगे तभी कर्नाटक के कैबिनेट विस्तार के समय महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि बहुत जल्दी ही महाराष्ट्र सरकार का विस्तार होगा। पिछले एक साल में यह बात वे पहले कई सौ बार कह चुके हैं। लेकिन वह जल्दी समय कब आएगा किसी को पता नहीं है।
ध्यान रहे महाराष्ट्र में 30 जून 2022 को नई सरकार बनी थी और कई दिन तक सरकार मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से ही काम करती रही। करीब 40 दिन के बाद नौ अगस्त को सरकार का विस्तार हुआ तो 18 और मंत्री बनाए गए। उसके बाद से कैबिनेट विस्तार का इंतजार चल रहा है। 288 सदस्यों की विधानसभा के हिसाब से महाराष्ट्र में 43 मंत्री बन सकते हैं। इस लिहाज से 25 मंत्रियों के पद खाली रखे गए हैं। इसका नतीजा यह है कि एक एक मंत्री के पास कई कई विभागों का प्रभार है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों में भगदड़ मचने की आशंका के चलते सरकार का विस्तार नहीं हो पा रहा है। शिंदे गुट के ज्यादातर विधायक मंत्री बनने की उम्मीद लगाए हुए हैं और अगर उनको मंत्री नहीं बनाया गया तो वे उद्धव ठाकरे गुट की ओर जा सकते हैं। बृहन्नमुंबई और कुछ दूसरे बड़े शहरों में नगर निगम चुनाव से पहले भाजपा ऐसा कुछ नहीं होने देना चाहती है इसलिए मंत्रिमंडल का विस्तार रूका हुआ है।