Wednesday

30-04-2025 Vol 19

प्रियंका का वायनाड जाना अच्छी रणनीति नहीं

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लोकसभा की सदस्यता गंवाने के बाद राहुल गांधी पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड गए  तो उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी उनके साथ गईं। उसके बाद से ही यह चर्चा चल रही है कि प्रियंका को वायनाड से लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है। हालांकि इसकी नौबत नहीं आएगी क्योंकि चुनाव आयोग अभी तुरंत वहां उपचुनाव की घोषणा करने नहीं जा रहा है। कर्नाटक विधानसभा के चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने यानी 13 मई के बाद ही इस बारे में कोई फैसला होगा और उस समय तक कांग्रेस कितनी भी सुस्ती बरते उसे हाई कोर्ट जाना होगा और वहां से राहत मिल जाएगी। ध्यान रहे बिना ऊपरी अदालत में अपील किए राहुल बाहर नहीं रह सकते हैं। अगर अपील में देरी होती है तो उनको जेल जाना होगा।

बहरहाल, खुदा न खास्ते वायनाड में चुनाव की नौबत आती है तो वहां प्रियंका गांधी वाड्रा का लड़ना कांग्रेस की महाभूल होगी। सजा पर रोक नहीं होती है तो राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे और सोनिया गांधी सेहत की वजह से आगे के चुनाव नहीं लड़ने वाली हैं। सो, नेहरू-गांधी परिवार की ओर से प्रियंका अकेले चुनाव लड़ने वाली बचेंगी और वे केरल से लड़ेंगी तो उत्तर प्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत में कांग्रेस की स्थिति कमजोर होगी। अगर कांग्रेस को अपनी राजनीतिक जमीन की जरा सी भी चिंता है और उसके रणनीतिकारों में समझदारी है तो उनको अभी से प्रियंका को अमेठी और रायबरेली में बैठाना चाहिए। कांग्रेस ये दोनों सीटें छोड़ना अफोर्ड नहीं कर सकती है और वह भी मौजूदा स्थिति में। परिवार के लोगों को वहां लड़ना चाहिए। अगर प्रियंका और राहुल दोनों तैयारी करें और मेहनत करें तो बेहतर होगा। राहुल के साथ प्रियंका सूरत गई थीं उसके बाद वायनाड गईं लेकिन जिस उत्तर प्रदेश की वे प्रभारी हैं वहां जाना बंद है और कर्नाटक में जहां चुनाव है वहां भी नहीं गई हैं। कांग्रेस की यह कैसी राजनीति है?

NI Political Desk

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