बिहार में राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यू के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। हालांकि यह कहना जल्दबाजी होगी कि एक बार फिर दोनों पार्टियों के बीच तालमेल खत्म होने जा रहा है और नीतीश कुमार वापस भाजपा के साथ लौटने वाले हैं। लेकिन दोनों पार्टियों के संबंधों में दूरी बढ़ गई है। जदयू के एक जानकार नेता का कहना है कि दूरी बढ़ने के कई कारण हैं लेकिन अगर संबंध विच्छेद होता है तो उसका कारण रामचरितमानस का विवाद होगा। राजद के नेता रामचरितमानस और रामायण की आलोचना बंद नहीं करते हैं तो जदयू इसको मुद्दा बना कर अलग हो सकती है। गौरतलब है कि राजद के नेता और राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर लगातार रामचरितमानस की आलोचना कर रहे हैं।
चंद्रशेखर ने रामचरितमानस की एक चौपाई का उदाहरण देकर इसकी आलोचना की थी और इसे पिछड़ा विरोधी बताया था। तब भी जदयू ने तुलसीदास की लिखी इस धर्मग्रंथ का बचाव किया था। पिछले दिनों चंद्रशेखर रामचरितमानस और रामायण की प्रति लेकर विधानसभा पहुंचे और वहां से विधान परिषद में भी गए। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर क्या साबित करना चाहते हैं, पता नहीं चल रहा है।
नीरज कुमार ने आगे बढ़ कर कहा कि दो चार विवादित लाइन वे कुरान और बाइबिल से भी पढ़ सकते हैं। इस पर बाद में राजद के प्रवक्ता सुबोध कुमार मेहता ने कहा कि राजद के लोग रामचरितमानस की विवादित लाइन पढ़ेंगे किसी और को किसी दूसरे धर्म के ग्रंथ में विवादित लाइन पढ़नी है तो वह पढ़े। दोनों पार्टियों की यह बयानबाजी टकराव बढ़ने का संकेत है। जदयू ने अगर कुरान का जिक्र किया है तो उससे भी एक संकेत मिलता है।