nayaindia Tamilnadu politics K Palaniswami BJP भाजपा से दूरी दिखाने की ईपीएस की मजबूरी

भाजपा से दूरी दिखाने की ईपीएस की मजबूरी

तमिलनाडु में भाजपा की सहयोगी अन्ना डीएमके के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी यानी ईपीएस लगातार भाजपा से दूरी दिखा रहे हैं। वे ऐसे काम कर रहे हैं, जिससे भाजपा से विवाद हो। पिछले दिनों उन्होंने भाजपा के कई नेताओं को तोड़ कर अपनी पार्टी में शामिल कराया। पिछले हफ्ते तो एक साथ भाजपा के 13 नेता अन्ना डीएमके में शामिल हुए। इसके बावजूद भाजपा ने कहा कि उसका गठबंधन बना रहेगा। भले भाजपा ने गठबंधन बने रहने की बात कही है लेकिन हकीकत यह है कि दोनों पार्टियों में सब कुछ ठीक नहीं है। ईपीएस पार्टी पर जयललिता की तरह एकछत्र राज बना रहे हैं, जबकि भाजपा इसमें बाधा बन रही है।

भाजपा चाह रही है कि अन्ना डीएमके से अलग हुए तीन खेमे साथ में जुड़े रहें ताकि मजबूती से डीएमके का मुकाबला हो। भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के साथ साथ जयललिता की सहयोगी रहीं वीके शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरण को साथ लाना चाहती है। ईपीएस ने राजनीतिक और कानूनी दांवपेंच के जरिए इन तीनों को निपटाया है और पार्टी पर अपना नियंत्रण बनाया है। वे नहीं चाहते हैं कि ये नेता फिर से अन्ना डीएमके में लौटें। दूसरे, उनको भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई की आक्रामक राजनीति से भी दिक्कत हो रही है। भाजपा के हिंदी प्रेम वाली राजनीति में भी उनको नुकसान दिख रहा है। तभी वे भाजपा से विवाद होने या दूरी का मैसेज बनवा रहे हैं।

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