ज्योतिरादित्य सिंधिया की बेचैनी बढ़ रही है। जैसे जैसे मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे सिंधिया अपने समर्थकों को एकजुट करने लगे हैं और पार्टी आलाकमान पर दबाव बना रहे हैं कि उनको मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया जाए। उनके समर्थको ने तो यह हवा उड़ा दी थी कि शिवराज सिंह चौहान को हटा कर सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। लेकिन अभी भाजपा में ऐसा कोई मूड नहीं दिख रहा है। भाजपा न तो मुख्यमंत्री बदलने जा रही है और न किसी को मुख्यमंत्री का दावेदार घोषित करने जा रही है। पार्टी के जानकार सूत्रों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री रख कर ही पार्टी चुनाव लड़ेगी और उनकी योजनाओं का प्रचार करके वोट मांगेगी।
इस बीच सिंधिया के समर्थक अब उनके बेटे को चुनाव में लांच करने की तैयारी में लग गए हैं। बताया गया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महानआर्यमन सिंधिया को परिवार की किसी पारंपरिक सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। हालांकि भाजपा में यह आसान नहीं होता है। कुछ ही ऐसे अपवाद हैं, जिसमें पिता-पुत्र दोनों को टिकट मिली और दोनों किसी न किसी सदन के सदस्य हैं। ध्यान रहे सिंधिया खुद राज्यसभा में हैं और उनकी लोकसभा सीट भी खाली है, जिस पर कहा जा रहा है कि वे अगले साल चुनाव लड़ेंगे। तभी वे चाहते हैं कि पार्टी उनके बेटे को विधानसभा की टिकट दे दे। इसके लिए बेटे को जगह जगह सार्वजनिक कार्यक्रमों में भेजा जा रहा है और उनसे उद्घाटन, शिलान्यास वगैरह कराए जा रहे हैं। इस बीच दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में एक जानकार नेता ने कहा कि अगर सिंधिया को बेटे के लिए भी टिकट चाहिए तो उनको कांग्रेस में आना होगा, भाजपा में तो मुश्किल है।