महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बारे में फैसला कब होगा? आमतौर पर कांग्रेस के लिए कहा जाता है कि वह फैसले करने में बहुत समय लगाती है, जबकि भाजपा में और खास कर नरेंद्र मोदी के दौर में फटाफट फैसले होते हैं। इसके बावजूद कोश्यारी का मामले काफी समय से लंबित है। उन्होंने पिछले महीने सार्वजनिक रूप से ऐलान किया कि वे सार्वजनिक जीवन से संन्यास लेना चाहते हैं। कोश्यारी ने सोशल मीडिया के जरिए बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर राज्यपाल पद छोड़ने की पेशकश की है। इस बात के दो हफ्ते हो गए हैं और अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखने से पहले दिसंबर के पहले हफ्ते में कोश्यारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी थी और राज्यपाल पद छोड़ने के बारे में उनकी सलाह मांगी थी। बताया जा रहा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज से लेकर सावित्रीबाई फुले पर दिए उनके बयानों से जो विवाद हुए हैं उसे देखते हुए पार्टी की प्रदेश कमेटी भी चाहती है कि कोश्यारी की विदाई हो। पार्टी को लग रहा है कि उनके विवादित बयानों से पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है। विधान परिषद की पांच में से चार सीटों पर भाजपा की हार के पीछे इसे भी कारण बताया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट के साथ वापसी तालमेल की जो बात चल रही है उसमें भी बड़ी बाधा कोश्यारी का राज्यपाल होना है। वे हटते हैं तो दोनों पार्टियों में तालमेल की बाता आसान हो जाएगी। इसके बावजूद उनको हटाने और नया राज्यपाल बनाने का फैसला नहीं हो पा रहा है। कैप्टेन अमरिंदर सिंह से लेकर ओम माथुर और प्रभात झा को राज्यपाल बनाने की चर्चा चल रही है।