nayaindia Maharashtra politics KCR MVA केसीआर के राजनीति और एमवीए की समस्या

केसीआर के राजनीति और एमवीए की समस्या

पता नहीं तेलंगाना की पार्टियों को महाराष्ट्र में कितनी संभावना दिख रही है? पहले हैदराबाद तक सीमित रही पार्टी एमआईएम ने महाराष्ट्र में राजनीति शुरू की और बड़ी जीत हासिल की है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को महाराष्ट्र में लोकसभा की एक सीट पर जीत मिली। अब तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति की नजर महाराष्ट्र पर है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव लगातार महाराष्ट्र के दौरे कर रहे हैं और वहां उस वोट बैंक को साधने का प्रयास कर रहे हैं, जो राज्य के विपक्षी गठबंधन यानी महा विकास अघाड़ी की असली ताकत है। ध्यान रहे अघाड़ी की दो पार्टियां- कांग्रेस और एनसीपी किसानों की राजनीति करती हैं। ओबीसी और मराठा वोट दोनों की ताकत हैं, जिसमें किसान समुदाय के सबसे ज्यादा लोग हैं।

के चंद्रशेखर राव इसी समूह को लक्ष्य करके राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में ही ‘अबकी बार किसान सरकार’ का नारा दिया। यह नारा अब वे देश भर में दे रहे हैं। उन्होंने अपने राज्य में किसानों को लेकर कई बड़ी योजनाएं शुरू की हैं। किसानों को फसल की बुवाई के समय नकद पैसे देने की योजना सबसे पहले उन्होंने शुरू की थी, जिसके आधार पर केंद्र की किसान सम्मान निधि की योजना शुरू हुई। सो, किसानों पर फोकस करके वे जो प्रचार कर रहे हैं और जिस तरह से महाराष्ट्र के पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों को अपनी पार्टी में शामिल करके संगठन मजबूत कर रहे हैं उससे भाजपा को नहीं, बल्कि कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव ठाकरे को चिंतित होने की जरूरत है।

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