दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की चिंता बढ़ गई है। पार्टी के नेताओं को लग रहा है कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हो सकती है। ध्यान रहे शराब नीति के मामले में पिछले हफ्ते जब सिसोदिया को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था तभी खुद सिसोदिया ने कहा था कि उनको लग रहा है कि उनकी गिरफ्तारी हो जाएगी। सो, उन्होंने बजट की तैयारियों के बहाने समय मांग लिया। अब 26 फरवरी को उनकी पेशी सीबीआई के सामने होने वाली है। उस मामले में पता नहीं क्या होगा लेकिन इस बीच एक दूसरा मामला आ गया, जिसमें सिसोदिया फंसते दिख रहे हैं। यह राजनीतिक लोगों की गैरकानूनी तरीके से जासूसी कराने का मामला है।
सीबीआई ने इस मामले में शुरुआती जांच की है और उसने आगे जांच की मंजूरी मांगी थी। उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने अपनी तरफ से इसकी मंजूरी देते हुए फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी थी। गृह मंत्रालय ने भी इस मामले में सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर करने और जांच करने की इजाजत दे दी है। यह भी गंभीर मामला है। बताया जा रहा है कि भारी बहुमत से दिल्ली में सरकार बनने के बाद 2015 में अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक फीडबैक यूनिट, एफबीयू का गठन किया था। इसके जरिए राजनीतिक लोगों के बारे में सूचन जुटाई गई। यह यूनिट विजिलेंस डिपार्टमेंट के तहत काम करती थी, जिसके मंत्री मनीष सिसोदिया था। अब शराब नीति के साथ साथ इस मामले में भी उनकी जांच होगी और पूछताछ होगी। ध्यान रहे राज्य सरकार के एक मंत्री सत्येंद्र जैन पहले से जेल में हैं।