
Array ( [0] => stdClass Object ( [ID] => 429113 [post_author] => 22 [post_date] => 2023-09-18 08:16:29 [post_date_gmt] => 2023-09-18 02:46:29 [post_content] => कोविड-19 के दौरान जैसी अफरातफरी से इस देश को गुजरना पड़ा था, उसके बाद किसी भी ऐसे खतरे को हलके से नहीं लिया जा सकता। इसलिए निपाह संक्रमण से निपटने की तैयारी की समीक्षा के लिए केंद्र को तुरंत पहल करनी चाहिए। निपाह वायरस का संक्रमण हालांकि अभी महामारी नहीं बना है, लेकिन जिस तरह संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ने की खबर आ रही है, उसे देखते हुए उचित यही होगा कि सारे देश में सतर्कता बरती जाए। अभी खबर सिर्फ केरल के कोझिकोड जिले से आई है। मगर डॉक्टरों ने ध्यान दिलाया है कि जिन फलाहारी चमगादड़ों (फ्रूट बैट) के जरिए यह वायरस फैलता है, वे ना सिर्फ केरल, बल्कि अन्य कई राज्यों में भी पाए जाते हैँ। कुछ विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि निपाह से संक्रमित मरीज कुछ अन्य राज्यों में भी हो सकते हैं, जहां संभव है कि अभी उनकी पहचान ना हुई हो। केरल में सबसे पहले 2018 में निपाह वायरस का प्रकोप देखने को मिला था। उसके बाद यह चौथा मौका है, जब ऐसा हुआ है। इस बीच संभव है कि देश के दूसरे राज्यों तक भी संक्रमण पहुंचा हो। केरल की अपेक्षाकृत बेहतर चिकित्सा व्यवस्था ऐसे संक्रमणों की आरंभिक स्तर पर ही पहचान करने में अधिक सक्षम मानी जाती है। निपाह के बारे में यह जानकारी चिंतित करने वाली है कि इससे संक्रमित होने के बाद मृत्यु दर 40 से 70 प्रतिशत तक रहती है। गौरतलब है कि कोविड-19 वायरस से संक्रमित मरीजों में यह दर पांच प्रतिशत से भी कम थी। इस संक्रमण के लक्षण भी बेहद गंभीर किस्म के हैं। मस्तिष्क ज्वर से लेकर खून की उल्टियां और दस्त जैसी समस्याएं भी इसमें उभर सकती हैं। अभी तक आई खबरों के मुताबिक इस बार केरल में जो लक्षण दिखे हैं, वे अपेक्षाकृत कम गंभीर किस्म के हैं। इसके बावजूद इस पर जोर डालने की जरूरत है कि सारे देश को इस खतरे के लिए अभी से सतर्क हो जान चाहिए। चूंकि इसके इलाज की प्रभावी व्यवस्था भी अपने देश में मौजूद नहीं है, इसलिए ऐहतियाती कदमों की जरूरत और भी ज्यादा है। कोविड-19 के दौरान जैसी अफरातफरी से इस देश को गुजरना पड़ा था, उसके बाद किसी भी ऐसे खतरे को हलके से नहीं लिया जा सकता। इसलिए देश भर के हालात की समीक्षा के लिए केंद्र को तुरंत पहल करनी चाहिए। [post_title] => सतर्कता की जरूरत है [post_excerpt] => इस बीच संभव है कि देश के दूसरे राज्यों तक भी संक्रमण पहुंचा हो। केरल की अपेक्षाकृत बेहतर चिकित्सा व्यवस्था ऐसे संक्रमणों की आरंभिक स्तर पर ही पहचान करने में अधिक सक्षम मानी जाती है। [post_status] => publish [comment_status] => open [ping_status] => closed [post_password] => [post_name] => nipah-virus-in-india [to_ping] => [pinged] => [post_modified] => 2023-09-18 08:16:30 [post_modified_gmt] => 2023-09-18 02:46:30 [post_content_filtered] => [post_parent] => 0 [guid] => https://www.nayaindia.com/?p=429113 [menu_order] => 0 [post_type] => post [post_mime_type] => [comment_count] => 0 [post_update] => 0 ) [1] => stdClass Object ( [ID] => 429118 [post_author] => 23 [post_date] => 2023-09-18 08:19:01 [post_date_gmt] => 2023-09-18 02:49:01 [post_content] => कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एक बार फिर एक बड़े संवैधानिक और लोकतांत्रिक कार्यक्रम से गैरहाजिर रहे हैं। रविवार को संसद की नई इमारत के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज स्थापित किया गया। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इसे स्थापित किया। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे नहीं शामिल हुए। उनकी ओर से कहा गया कि सरकार की ओर कार्यक्रम की सूचना देने में देरी की गई और उससे पहले कांग्रेस पार्टी की कार्य समिति की बैठक हैदराबाद में तय हो गई थी। ध्यान रहे कांग्रेस कार्य समिति की बैठक हैदराबाद में करने का कार्यक्रम एक महीने पहले बना था। दो दिन के इस कार्यक्रम में रविवार को विस्तारित सीडब्लुसी की बैठक हुई और उसके बाद एक बड़ी रैली को सोनिया गांधी, खड़गे और राहुल गांधी ने संबोधित किया। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर हुए कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे। आमतौर पर विपक्ष में रहने के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं। लेकिन खड़गे ने कहा कि उस दिन सुरक्षा व्यवस्था बहुत सख्त थी और उनको कांग्रेस मुख्यालय में भी झंडा फहराना था इसलिए वे लाल किले के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए। उससे पहले मई के महीने में जब संसद की नई इमारत का उद्घाटन हुआ था और शेंगोल स्थापित किया गया था तब भी खड़गे उस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। हालांकि तब विपक्षी पार्टियों ने उसका बहिष्कार किया था। संसद के दोनों कार्यक्रमों और लाल किले के कार्यक्रम से खड़गे की गैरहाजिरी पर सवाल उठ रहे हैं। [post_title] => खड़गे की गैरहाजिरी पर सवाल [post_excerpt] => कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एक बार फिर एक बड़े संवैधानिक और लोकतांत्रिक कार्यक्रम से गैरहाजिर रहे हैं। रविवार को संसद की नई इमारत के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज स्थापित किया गया। [post_status] => publish [comment_status] => open [ping_status] => closed [post_password] => [post_name] => new-parliament-building-inaugurated [to_ping] => [pinged] => [post_modified] => 2023-09-18 08:19:02 [post_modified_gmt] => 2023-09-18 02:49:02 [post_content_filtered] => [post_parent] => 0 [guid] => https://www.nayaindia.com/?p=429118 [menu_order] => 0 [post_type] => post [post_mime_type] => [comment_count] => 0 [post_update] => 0 ) )