ऐसा लग रहा है कि भारत सरकार ने देश की सारी समस्याएं निपटा ली हैं। नौकरी और रोजगार से लेकर पढ़ाई, कमाई, दवाई के सारे इंतजाम हो गए हैं इसलिए अब सरकार लोगों का मोटापा दूर करने में लगी है। ऐसा लग रहा है कि भारत में इतनी खुशहाली आ गई है कि लोग आरामतलब हो गए हैं और मोटे होते जा रहे हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लोगों से मोटापा कम करने की अपील कर रहे हैं। आप गाड़ी में बैठें तो हर एफएम रेडियो स्टेशन पर प्रधानमंत्रीर की अपील सुनाई देती है, जिसमें वे लोगों से अपने खाने में 10 फीसदी तेल की कटौती करने की अपील करते हैं। मोटापा कम करने की राष्ट्रीय मुहिम छिड़ी है।
तभी जब खबर आई कि सरकार समोसा और जलेबी पर नजर रखेगी तो ऐसा लगा कि यह मोटापा घटाने की प्रधानमंत्री मोदी के अभियान का हिस्सा है। खबर आई थी कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक दुकानदारों को एक बोर्ड लगाना होगा, जिस पर उनको यह जानकारी देनी होगी कि समोसे में कितने तेल पड़ता है और जलेबी में कितनी चीनी होती है। सिगरेट और तम्बाकू की तरह सरकार मिठाई की दुकानों पर नमकीन और मीठे के नुकसान का ब्योरा लिखवाएगी। हालांकि अब खबर आई है कि सरकार ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है। हालांकि अभी इंतजार करना चाहिए क्योंकि कई बार ऐसा हुआ है कि जिस खबर का खंडन किया गया वह बाद में सही साबित हुई। वैसे इस खबर के बाद तुरंत चौतरफा विरोध शुरू हो गया था और लोग कहने लगे थे कि बड़े फूड चेन और बहुराष्ट्रीय ब्रांड के सामने भी इस तरह के नोटिस लिखवाए जाएं। अगर सचमुच सरकार मोटापे को लेकर परेशान है तो सबसे पहले तो खाने पीने की मिलावटी चीजों को बंद कराना चाहिए। यह हकीकत है कि भारत में खाने की हर चीज में जानलेवा मिलावट है। जिस तेल में प्रधानमंत्री कटौती की बात कर रहे हैं उसमें भी ज्यादातर मिलावटी है।