नई दिल्ली। यमन में मौत की सजा पाई भारतीय मूल की नर्स निमिषा प्रिया की सजा पर रोक लग गई है। उनकी सजा फिलहाल टाल दी गई है और उनकी माफी को लेकर बातचीत चल रही है। गौरतलब है कि निमिषा प्रिया को बुधवार, 16 जुलाई को मौत की सजा दी जानी थी। सूत्रों के मुताबिक मीडिया में आई जानकारी में बताया गया है कि कई सामाजिक समूहों और प्रभावशाली धार्मिक नेताओं ने इस मामले में दखल दिया, जिसके बाद निमिषा प्रिया की मौत की सजा रोक दी गई है।
इससे पहले निमिषा को मौत की सजा से बचाने के लिए राजनयिक स्तर पर भी प्रयास हुआ था और मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा था। लेकिन अदालत ने अपनी सीमा बताते हुए खुद को इससे दूर कर लिया था। बहरहाल, यह भी खबर है कि पीड़ित का परिवार अभी तक क्षमादान या ब्लड मनी स्वीकार करने के लिए सहमत नहीं हुआ है। फिर भी सजा टाल दी गई और आगे इस सिलसिले में बातचीत होगी।
बताया जा रहा है कि भारत में कंथापुरम के ग्रैंड मुफ्ती एपी अबूबकर मुसलियार और यमन के चर्चित सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज इस मसले पर बातचीत कर रहे हैं। इसमें यमन के सुप्रीम कोर्ट के एक जज और मृतक के भाई भी शामिल हैं। यमन के शेख हबीब को बातचीत के लिए मुफ्ती मुसलियार ने मनाया। ऐसा भी पहली बार हुआ है जब पीड़ित परिवार का कोई करीबी सदस्य बातचीत को तैयार हुआ है। यह बातचीत शरिया कानून के तहत हो रही है, जो पीड़ित परिवार को दोषी को बिना किसी शर्त के या फिर ब्लड मनी के बदले में माफ करने का कानूनी अधिकार देता है। गौरतलब है कि निमिषा प्रिया को यमन के एक नागरिक की हत्या के मामले में मौत की सजा हुई है। पहली बार यमन के नागरिक का परिवार बातचीत के लिए तैयार हुआ।