कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला बोलने वालों पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा शासित राज्यों में बंगाल के लोगों को उनके कौशल की वजह से बुलाया जा रहा है और वहां उनको हिरासत में लेकर यातना शिविरों में भेजा जा रहा है। ममता ने कहा कि वे इसके खिलाफ आवाज उठाएंगी, इसे बरदाश्त नहीं किया जाएगा।
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को कोलकाता में मार्च निकाला, जिसमें भतीजे अभिषेक बनर्जी सहित पार्टी के तमाम नेता शामिल हुए। इसमें उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, ‘दिल्लीवाले अपने को क्या समझते हैं? देश में उनकी जमींदारी चलती है क्या? क्या आप जिसको चाहें उसको जेल भेज सकते हैं? अगर कोई बांग्ला बोलता है तो आप उसको बांग्लादेशी या रोहिंग्या कह कर हिरासत में ले सकते हैं? इसे बरदाश्त नहीं किया जाएगा’।
ममता बनर्जी ने कहा कि फरवरी में केंद्र सरकार ने एक गोपनीय आदेश जारी किया, जिसे सभी भाजपा शासित राज्यों को भेजा गया। इसमें बांग्लादेशियों को हिरासत में लेने का निर्देश दिया गया है। बहरहाल, ममता ने बुधवार की रैली में कहा, ‘बंगालियों के प्रति भाजपा के रवैये से मैं शर्मिंदा और निराश हूं। अब से मैंने तय किया है कि मैं बांग्ला में ज्यादा बोलूंगी। अगर आप मुझे डिटेंशन कैंप में रखना चाहते हैं तो रखें’। गौरतलब है कि अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले ममता बनर्जी ने बांग्ला अस्मिता का मुद्दा बना दिया है।
बांग्ला अस्मिता को लेकर ममता बनर्जी की रैली कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से धर्मतला के दोरीना क्रॉसिंग तक निकाली गई। इसमें अभिषेक बनर्जी सहित पार्टी के कई बड़े नेता इस रैली में शामिल हुए। कोलकाता के अलावा पार्टी ने राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में भी इसी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के दौरे पर आने वाले हैं। उससे पहले ममता ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है।
ममता बनर्जी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, ‘मैं आपको चैलेंज करती हूं कि साबित कीजिए कि बांग्ला बोलने वाले प्रवासी लोग रोहिंग्या मुसलमान हैं। बंगाल के 22 लाख प्रवासी श्रमिक देश के अन्य हिस्सों में काम कर रहे हैं, उनके पास वैध पहचान दस्तावेज हैं’। उन्होंने कहा, मैं बंगालियों पर अत्याचार बरदाश्त नहीं करूंगी। भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों को बांग्लादेशी और विदेशी कहकर प्रताड़ित और जेल और डिटेंशन कैंप में भेजा जा रहा है। क्या बंगाल देश का हिस्सा नहीं है’। उन्होंने चुनाव आयोग पर भाजपा की दलाली करने का आरोप लगाया। दूसरी ओर ममता की रैली के बाद नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘बंगाली अस्मिता’ की बात सिर्फ अवैध घुसपैठियों को बचाने की कोशिश है। जब हजारों बंगाली शिक्षक सरकारी घोटालों के चलते नौकरी से निकाले गए, तब ममता ने उनकी आवाज क्यों नहीं सुनी?’