राजस्थान सरकार ने 11वीं और 12वीं की उन किताबों को रद्द कर दिया है, जिनमें गांधी परिवार का बहुत गुणगान था। राजस्थान के स्कूलों में पूरक पाठ्यपुस्तक के तौर पर ‘आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत’ भाग एक और भाग दो की पढ़ाई होती है। राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि राज्य के छात्र बिना मतलब के इन किताबों को पढ़ते हैं क्योंकि इनसे कोई अंक उनको नहीं मिलता है। इसलिए सरकार ने इन किताबों की पढ़ाई रूकवा दी है। हालांकि इसका असली कारण यह है कि सरकार को लग रहा है कि इन किताबों में नेहरू गांधी परिवार के प्रधानमंत्रियों का जरुरत से ज्यादा गुणगान किया गया है।
शिक्षा मंत्री ने खुद ही कहा कि इन किताब में सरदार वल्लभभाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री, डॉ. भीमराव आंबेडकर और जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे महान नेताओं का नाम नहीं है। उन्होंने कहा कि इन पुस्तकों में सिर्फ गांधी परिवार को महिमामंडित किया गया है। इतना ही नहीं दिलावर ने नेहरू गांधी परिवार पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने अपने स्वार्थ के लिए, अपनी पदलोलुप्ता और सत्ता लोलुपता के लिए देश में आपातकाल लगाया। लोकतंत्र की हत्या की व संविधान को निलंबित कर दिया। ध्यान रहे यह किताब पिछले 20 साल से चल रही थी और इस दौरान राज्य में दो बार भाजपा की सरकार बनी थी। लेकिन भाजपा की पिछली सरकारों की मुखिया वसुंधऱा राजे ने इन किताबों को चलने दिया था। इतना ही नहीं इस दौरान इन किताबों का रिवीजन भी हुआ। जाहिर है भाजपा के अब जो नए नेता कमान में आ रहे हैं वे अपने आलाकमान को खुश करने के लिए ज्यादा आगे बढ़ कर नेहरू गांधी परिवार को निशाना बना रहे हैं।