पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी को पता है कि वे कितना भी विरोध करेंगी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को नहीं रोक पाएंगी। चुनाव आयोग ने एसआईआर की तैयारी कर ली है और एक हफ्ते में यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बिहार की तरह ही हर राज्य में तीन महीने में एसआईआर का काम निपटाना है। तभी ममता बनर्जी ने अपने कार्यकर्ताओं को जमीन पर उतरने का निर्देश दिया है। ममता ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे मतदाता सूची लेकर घर घर जाएं और चेक करें कि पार्टी समर्थक मतदाताओं के नाम सूची में हैं या नहीं। ममता ने बूथ लेवल एजेंट्स यानी बीएलए की नियुक्ति का काम भी शुरू कर दिया है।
बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी की ओर से नियुक्त किए जा रहे बीएलए और पार्टी के दूसरे नेताओं व कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे घर घर जाकर यह चेक करें कि लोगों के पास सारे जरूरी दस्तावेज हों। बिहार में चुनाव आयोग ने आधार के अलावा जिन 11 दस्तावेजों की सूची जारी की थी उनमें से कोई न कोई दस्तावेज हर व्यक्ति के पास होना चाहिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है। जिनके पास नहीं हैं उनके दस्तावेज बनवाने की व्यवस्था की जा रही है। ममता ने अपनी पार्टी के नेताओं से यह भी कहा कि वे बीएलओ से संपर्क करें और यह सुनिश्चित करें कि जब एसआईआर शुरू हो तो बीएलओ हर मतदाता का प्रपत्र और दस्तावेज अपलोड करे। इस बीच यह भी खबर आ रही है कि ममता की पार्टी के नेता बीएलओज को धमकी दे रहे हैं। इस धमकी की वजह से बीएलओ घबरा कर पीछे हट रहे हैं। ऐसे कई बीएलओ को चुनाव आयोग ने नोटिस भी भेजा है।


