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खड़गे, सिद्धारमैया का आरएसएस विरोध

कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी सरकार के मंत्री खुल कर हिंदू विरोध की राजनीति कर रहे हैं। वे अहिंदा समीकरण को साधे रहने के लिए कभी बजरंग दल पर पाबंदी की बात करते हैं तो सभी संघ पर पाबंदी की बात करते हैं। पिछले दिनों सिद्धारमैया ने जिद् करके मुस्लिम लेखिका बानू मुश्ताक से मैसुरू दसहरा का उद्घाटन कराया। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया लेकिन सिद्धारमैया अड़े रहे। इसी तरह उन्होंने जाति गणना में लिंगायत को अलग धर्म के तौर पर स्थापित करने का दांव भी चला है। अब उनकी सरकार ने आदेश जारी किया है कि किसी भी सरकारी जमीन पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की शाखा नहीं लगाई जाएगी।

असल में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और राज्य सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने सिद्धारमैया को चिट्ठी लिख कर इस बात की मांग की थी। प्रियांक ने पहले संघ पर पाबंदी लगाने की बात भी कही थी। ध्यान रहे 2023 में विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने वादा किया था कि उसकी सरकार बनेगी तो वह बजरंग दल पर पाबंदी लगाएगी। हालांकि उस पर अमल नहीं हुआ है। इस बीच संघ की स्थापना के एक सौ साल हुए तो उस पर पाबंदी की बात होने लगी। अब प्रियंका ने सरकारी जमीन पर शाखा नहीं लगने देने का अभियान छेड़ा है। उनकी चिट्ठी के बाद सिद्धारमैया सरकार ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसी सरकारी मैदान में, सरकारी स्कूल या अस्पताल के मैदान में या राज्य सरकार की किसी भी जमीन या इमारत में संघ की शाखा नहीं लगे। कांग्रेस के ही कई नेता मान रहे हैं कि इस तरह से सिद्धारमैया भाजपा को अगले चुनाव की लड़ाई का आधार दे रहे हैं।

By NI Political Desk

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