जो जाहिर है, उसे बताने की मुहिम!
सरकार के पास अगर ठोस सूचना और साक्ष्य (संचार संबंधी, आदि) हैं, तो और प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तानी हाथ के सबूत के साथ जा रहे हैं, तो इनका जरूर असर होगा। प्रतिनिधिमंडल ठोस साक्ष्यों को संबंधित संदर्भ के साथ वहां रखते हैं, तो भारतीय कूटनीति की ये पहल कारगर साबित होगी। लेकिन इस सिलसिले में यह अवश्य ध्यान में रखना चाहिए कि ऐसी अंतरराष्ट्रीय एवं कूटनीतिक पहल में “परिस्थितिजन्य साक्ष्य” पर्याप्त नहीं होते। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को 30 से ज्यादा देशों में भेजने का फैसला (https://x।com/moneycontrolcom/status/1923954852633215362) क्या सरकारी स्तर पर परोक्ष रूप से इस बात की स्वीकृति है कि ऑपरेशन सिंदूर के...