किसका मान और किसका अपमान?
हकीकत यह है कि जाति का विनाश हो या पिछड़े-दलित-आदिवासी समुदायों के वंचित समूहों का प्रतिनिधित्व- मान-अपमान के मौजूदा इलीट विमर्श के साथ इन मकसदों का तीखा अंतर्विरोध खड़ा हो गया है। इलीट राजनीति इन मकसदों को पूरा करने की राह में हमेशा की तरह आज भी बाधक बनी हुई है। लेकिन हालिया घटनाक्रम यह है कि वंचित समूहों से उभर कर आए लेकिन अब इलीट श्रेणी में शामिल हो चुके नेता और बुद्धिजीवी भी इसी बाधक राजनीति का हिस्सा बन गए हैँ। इलीट शब्द का हिंदी अनुवाद अभिजात या सभ्रांत है। उर्दू में इसे अशराफिया कहते हैं। डिक्शनरी ब्रिटैनिका...