caste politics

  • किसका मान और किसका अपमान?

    हकीकत यह है कि जाति का विनाश हो या पिछड़े-दलित-आदिवासी समुदायों के वंचित समूहों का प्रतिनिधित्व- मान-अपमान के मौजूदा इलीट विमर्श के साथ इन मकसदों का तीखा अंतर्विरोध खड़ा हो गया है। इलीट राजनीति इन मकसदों को पूरा करने की राह में हमेशा की तरह आज भी बाधक बनी हुई है। लेकिन हालिया घटनाक्रम यह है कि वंचित समूहों से उभर कर आए लेकिन अब इलीट श्रेणी में शामिल हो चुके नेता और बुद्धिजीवी भी इसी बाधक राजनीति का हिस्सा बन गए हैँ।  इलीट शब्द का हिंदी अनुवाद अभिजात या सभ्रांत है। उर्दू में इसे अशराफिया कहते हैं। डिक्शनरी ब्रिटैनिका...

  • भाजपा भी जात राजनीति के खेल में

    भारतीय जनता पार्टी व्यापक रूप से जाति की राजनीति को हिंदुत्व की राजनीति का विरोधी मानती रही है। तभी वह जातीय समीकरण बनाने, सोशल इंजीनियरिंग करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति बता कर वोट मांगने के बावजूद एक बड़ा नैरेटिव हिंदुत्व का बना कर रखती है। उसके दायरे में ही वह जाति की राजनीति करती है। कह सकते हैं कि उसकी बारीक राजनीति जाति के प्रबंधन वाली होती है और बड़ी राजनीति हिंदुत्व की होती है। परंतु अब कांग्रेस और उसके गठबंधन की पार्टियों द्वारा जाति के मुद्दे को राजनीति का केंद्रीय मुद्दा बना देने के बाद लगता है...

  • कांग्रेस ने साधा जातियों का संतुलन

    कर्नाटक में कांग्रेस को जातियों का संतुलन साधने की चुनौती पैदा हो गई है। पहले कहा जा रहा था कि कांग्रेस तीन उप मुख्यमंत्री बनाएगी। इससे सभी जातियों का बराबर प्रतिनिधित्व हो जाएगा। अब सिर्फ एक उप मुख्यमंत्री बनाने का फैसला हुआ है क्योंकि शिवकुमार ने यह शर्त रख दी थी कि वे उप मुख्यमंत्री का पद तभी संभालेंगे, जब अकेले उप मुख्यमंत्री बनेंगे। सो, अब ओबीसी समुदाय से आने वाले सिद्धरमैया मुख्यमंत्री बनेंगे और वोक्कालिगा समुदाय से डीके शिवकुमार उप मुख्यमंत्री बनेंगे। शिवकुमार प्रदेश अध्यक्ष भी बने रहेंगे। तभी ओबीसी और वोक्कालिगा के अलावा बाकी जातियों का संतुलन बनाना...

  • मोदी राज में जात राजनीति वीपी सिंह राज से ज्यादा!

    हां, मई 2014 से मई 2023 के कर्नाटक चुनावतक का यह भी एक सत्य है कि मोदी सरकार ने हिंदू बनाम अन्य का खेला खेला तो फॉरवर्ड बनाम ओबीसी बनाम दलित बनाम आदिवासी, लिंगायत बनाम वोक्कालिगा जैसी जातीय राजनीति का भी खूब जहर फैलाया। याद करें मई 2014 में नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस के घटिया, नीच राजनीति के जुमले में से ‘नीच’ शब्द को पकड़ नरेंद्र मोदी ने अपनी जाति के साथ ‘नीच’शब्द से कैसा हल्ला बनाया था। नौ वर्षों के कार्यकाल की एक और लैंडमार्क घटना बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकसभा में अपनी कैबिनेट का परिचय कराते हुए...

  • जात राजनीति का जवाब हैं योगी

    विपक्ष की जात राजनीति का जवाब भाजपा ज्यादा बड़ी जात राजनीति से देगी या उसका जवाब ज्यादा उग्र और आक्रामक हिंदुत्व से दिया जाएगा? इस सवाल के जवाब से आगे की राजनीति की दिशा, दशा और केंद्रीय चेहरे तय होंगे। विपक्ष ने जाति को अपना हथियार बनाया है। उनका मुद्दा सामाजिक न्याय है। बिहार से शुरू हुई मंडल दो की राजनीति पूरे देश में फैलेगी। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे उस रास्ते पर चल पड़े हैं। उनका मानना है कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना जरूरी है ताकि हर जाति को उसकी आबादी के हिसाब से आरक्षण दिया जा...