Jagdeep singh bais

  • जगदीप को कभी कोई प्रलोभन आकर्षित नहीं कर पाया

    बरसों साथ में जीवन जीते हुए हमने जाने कितने अनौपचारिक संगत की लेकिन मैंने कभी किसी बारे में कोई विपरीत टिप्पणी करते हुए उसे नहीं सुना। ऐसा दुर्लभ गुण मैं अपने आप में भी नहीं पा सका। मैंने किसी और को भी जगदीप को लेकर कोई बिपरीत टिप्पणी या प्रतिक्रिया देते नहीं देखा। जगदीप से कब और कैसे मुलाकात या जान पहचान हुई, मुझे याद नहीं लेकिन एक अरसे से वह मेरे परिवार और मेरी जिंदगी का हिस्सा जरूर रहा है। जगदीप की पीढ़ी के अधिकांश पत्रकार छोटे भाई की तरह मेरे मित्र रहे हैं लेकिन जगदीप मुझे एक पत्रकार...

  • ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं

    जब भी किसी उलझन में होता था, तो चर्चा जगदीप सर से कर लिया करता था। अब किससे करूं? एक वर्ष के इलाज के दौरान दिल्ली, हिमाचल और भोपाल के अस्पतालों में हर जगह उनके साथ रहा। लेकिन इतनी गंभीर बीमारी के बावजूद उन्होंने कभी खुद को असहाय नहीं जताया। राजेश खन्ना ने फिल्म आनंद  में जो किरदार निभाया था, पिछले एक वर्ष में कुछ वैसा ही किरदार असल जीवन में हमारे अपने जगदीप ने निभाया। गंभीर बीमारी का पता चलने के बाद पूरे एक साल चले इलाज के दौरान जब भी किसी ने हालचाल पूछा, वे हमेशा मुस्कराकर बस...

  • सच्चे पत्रकार के साथ-साथ बड़े दिल वाले इंसान

    जगदीप सर से मेरा रिश्ता ईटीवी के दिनों से बना। वे हमारे स्टेट हेड थे। हम सबकी किस्मत थी कि हमें ऐसा कप्तान मिला जो निडर, निष्पक्ष और हर हाल में अपनी टीम के साथ खड़े रहने वाला था। जब कोई रिपोर्टर सिस्टम के खिलाफ कोई कड़वी खबर चलाता, तब दूसरे लोग उसे दबाने, मैनेज करने की कोशिश करते — लेकिन सर हमेशा रिपोर्टर के पीछे दीवार बनकर खड़े रहते। दिव्या गोयल पिछले साल जगदीप सर को एडवांस स्टेज के मेटास्टेटिक कैंसर का पता चला था, तभी नया इंडिया परिवार की जमीन हिल गई थी। मगर सर तो ठेठ ठाकुर...