जगदीप को कभी कोई प्रलोभन आकर्षित नहीं कर पाया
बरसों साथ में जीवन जीते हुए हमने जाने कितने अनौपचारिक संगत की लेकिन मैंने कभी किसी बारे में कोई विपरीत टिप्पणी करते हुए उसे नहीं सुना। ऐसा दुर्लभ गुण मैं अपने आप में भी नहीं पा सका। मैंने किसी और को भी जगदीप को लेकर कोई बिपरीत टिप्पणी या प्रतिक्रिया देते नहीं देखा। जगदीप से कब और कैसे मुलाकात या जान पहचान हुई, मुझे याद नहीं लेकिन एक अरसे से वह मेरे परिवार और मेरी जिंदगी का हिस्सा जरूर रहा है। जगदीप की पीढ़ी के अधिकांश पत्रकार छोटे भाई की तरह मेरे मित्र रहे हैं लेकिन जगदीप मुझे एक पत्रकार...