Justin Trudeau

  • कनाडा में ट्रूडों की लिबरल पार्टी जीती

    टोरंटो। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने देश के संघीय चुनाव में जीत हासिल की। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कनाडा के अमेरिका में विलय की धमकियों और व्यापार युद्ध ने लिबरल पार्टी की इस जीत में अहम भूमिका निभाई। ‘कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन’ के अनुसार कार्नी के प्रतिद्वंद्वी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलिवरे अपनी सीट हार गए। सोमवार को हुए चुनाव में ओटावा जिले का प्रतिनिधित्व करने वाली सीट पर हार से पोलिवरे का भविष्य दांव पर लग गया। पोलिवरे को कुछ महीने पहले कनाडा के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर देखा जा रहा था।...

  • कनाडा के नए पीएम के तीखे तेवर, ट्रंप को दी चुनौती

    canada new pm : मार्क कार्नी कनाडा के प्रधानमंत्री पद की दौड़ जीत ली है। वह जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे। कार्नी ऐसे समय में देश की कमान संभालेंगे जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओटावा के खिलाफ व्यापार युद्ध छेड़ा हुआ है।  कनाडा के केन्द्रीय बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैण्ड के पूर्व गवर्नर ने रविवार को लिबरल पार्टी के नेतृत्व की प्रतियोगिता में तीन प्रतिद्वंद्वियों को भारी मतों से हराया। कार्नी ने अब तक किसी भी निर्वाचित पद पर कार्य नहीं किया है। कार्नी आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे और अगले आम चुनाव में लिबरल...

  • ट्रूडो की विदाई मोदी के कारण!

    अगर सोशल मीडिया में चल रही चर्चाओं पर यकीन किया जाए तो कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की विदाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण हुई है। सोशल मीडिया में नारा लग रहा है कि, ‘जो मोदी से टकराएगा चूर चूर हो जाएगा’। कूटनीतिक जानकार यह जरूर मान रहे हैं कि भारत के प्रति उनके नकारात्मक रुख और खालिस्तानी अलगाववादियों को समर्थन देने की वजह से पार्टी में उनकी पकड़ कमजोर हुई है। लेकिन एक हकीकत यह भी है कि खालिस्तान समर्थन जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ने ट्रूडो सरकार से समर्थन वापस लिया तो वे कमजोर हुए। जगमीत सिंह...

  • जस्टिन ट्रूडो का नशा उतरा!

    justin trudeau: जब उम्मीदें बहुत ही चमकीली, बहुत ही उजली नजर आएं तो जान लीजिये कि वे कभी पूरी नहीं होने वाली। इसके गवाह जस्टिन ट्रूडो हैं। also read: असम के उमरंगसो कोयला खदान से एक शव बरामद वे युवा, सौम्य और आकर्षक थे। वे राजनीति में सुंदरता लाए। उन्होंने कैनेडियनों और दुनिया के एक बड़े हिस्से का मन मोह लिया। हालीवुड के हीरो जैसा चेहरा-मोहरा, किशोर जैसी मुस्कान और बालक जैसे जोश वाले प्रधानमंत्री ट्रूडो, नारीवाद समर्थक, शरणार्थियों का स्वागत करने वाले और प्रगतिशील राजनीति के जीवंत प्रतीक माने जाते थे। तब किसी ने यह नहीं सोचा था और ना...

  • जस्टिन ट्रूडो की विदाई

    canada political crisis: सारे घटनाक्रम के पीछे असल कारण कनाडा में बढ़ी आर्थिक मुश्किलें हैं। देश में महंगाई बेलगाम है। खासकर मकानों की कीमतें आसमान पर हैं। इसका लाभ कंजरवेटिव नेता पियरे पोइलवरे ने उठाया है, जिन्हें ‘कनाडा का ट्रंप’ कहा जाता है। बढ़ते विरोध का लंबे समय तक मुकाबला करने के बाद आखिरकार कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हथियार डाल दिए हैं। एलान कर दिया है कि जैसे ही लिबरल पार्टी नया नेता चुन लेगी, वे पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पदों से इस्तीफा दे देंगे। also read: गुलाबी तस्वीर का सच अपनी हैसियत को बरकरार रखना उनके लिए...

  • जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से दिया इस्तीफा

    Justin Trudeau may resign: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से दिया इस्तीफा। कनाडा के अखबार ‘ग्लोब एंड मेल’ ने तीन जानकार लोगों के हवाले से रिपोर्ट दी है वे ट्रूडो इस हफ्ते इस्तीफा दे सकते हैं। गौरतलब है कि ट्रूडो पर उनकी लिबरल पार्टी के सांसदों की तरफ से कई महीनों से पद छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है, जिससे वे अपनी पार्टी में लगातार अलग थलग पड़ते जा रहे हैं। गौरतलब है कि संसद में ट्रूडो की सरकार के पास बहुमत भी नहीं है। also read: जड़ तक पहुंची समस्याएं उनके ऊपर आरोप है कि वे...

  • खालिस्तान समर्थकों पर बदली ट्रूडो की भाषा

    नई दिल्ली। खालिस्तानी अलगाववादियों को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भाषा बदल गई है। उन्होंने माना है कि कनाडा की धरती पर खालिस्तान समर्थक मौजूद हैं। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद चल रहा है। भारत का आरोप है कि कनाडा ने खालिस्तान समर्थकों को अपने यहां छूट दे रखी है और वे भारत विरोधी गतिविधियां चला रहे हैं। दूसरी ओर कनाडा ने भारत पर आरोप लगाया कि उसने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कराई थी। बहरहाल, इस विवाद के बीच ट्रूडो ने पहली बार यह माना है कि कनाडा...

  • भारत ने कनाडा से जताई नाराजगी

    नई दिल्ली। कनाडा में भारतीय उच्चायोग की ओर से कॉन्सुलेट शिविर लगाने का कार्यक्रम स्थगित होने के बाद भारत ने कनाडा से नाराजगी जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा सरकार की ओर से पर्याप्त सुरक्षा नहीं दिए जाने की वजह से ये शिविर नहीं लगाए गए। गौरतलब है कि पिछले दिनों हिंदू सभा के मंदिर में एक शिविर लगाने के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया था। तभी जब कनाडा की ओर से बाकी कॉन्सुलेट शिविरों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिली तो इन्हें रद्द कर दिया गया। टोरंटो स्थित भारतीय कॉन्सुलेट जनरल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म...

  • दुश्मनों को अब नहीं छोड़ता है भारत

    कनाडा की धरती से भारत विरोधी गतिविधियां चल रही हैं, जिनके पीछे खालिस्तानी अलगाववादियों के साथ साथ दूसरे अनेक आतंकवादी संगठन भी शामिल हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री आतंकवादियों, अलगाववादियों, गैंगेस्टरों और भारत विरोधी ताकतों को अपने यहां शरण दे रहे हैं। भारत उचित माध्यम से इन सबका विरोध दर्ज करा रहा है। परंतु भारत के विरोध और भारत की ओर से दी जाने वाली विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई करने की बजाय कनाडा उलटे भारत पर निराधार आरोप लगा रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो अपनी दलगत राजनीति और सत्ता बचाए रखने की चिंता में एक के बाद...

  • प्रतिपक्षी अक़्ल‘मंदों’ की अद्भुत अंतर्दृष्टि

    दुनिया भर के देशों में भारतवंशी समाज ने दशकों के परिश्रम से राजनीतिक, कारोबारी और सांस्कृतिक प्रभाव हासिल किया है। उसे सामुदायिक विभाजन की आंच से हर हाल में महफ़ूज़ रखना भारत की किसी भी सरकार की पहली ज़िम्मेदारी होनी चाहिए। इसलिए परदेसी सरकारों के आड़े-तिरछे ताज़ा जालबट्टों से जितनी जल्दी हम ख़ुद को बाहर निकाल लें, उतना अच्छा। कनाडा-अमेरिका प्रसंगों के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी पर हमलावर हो रहे स्वजन्मे अंतर्दृष्टियुक्त प्रतिपक्षी अक़्ल‘मंदों’ के लिए मेरे मन में करुणा उपज रही है। जिन पर कनाडा में गोलियां चल गईं या जिन पर अमेरिका में गोलियां चलने की आशंकाएं...

  • भारत का कनाडा पर बड़ा आरोप

    नई दिल्ली। खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा में चल रहे विवाद के बीच भारत ने बड़ा आरोप लगाया है। भारत ने कहा है कि कनाडा सिर्फ आरोप लगा रहा है वह सबूत नहीं दे रहा है और न लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों का प्रत्यर्पण कर रहा है। भारत ने कहा है कि सरकार की ओर से लॉरेंस गैंग के सदस्यों को भारत को सौंपने के लिए कई बार अनुरोध किया गया है। भारत के मुताबिक 26 अनुरोध कनाडा के पास पेंडिंग हैं, जिन पर उसने फैसला नहीं किया है। इससे पहले कनाडा...

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