Kishan andolan

  • किसानों से बातचीत का दिखावा कब तक?

    केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत का दिखावा कब तक करेगी? अब तो आंदोलन भी नहीं चल रहा है और पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने भी किसानों से पल्ला झाड़ लिया है। पंजाब सरकार ने वह काम किया, जो केंद्र सरकार ने भी किसानों के साथ नहीं किया था। पंजाब पुलिस ने जोर जबरदस्ती किसानों को खदेड़ कर शंभू व खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन खत्म कराया और बड़ी संख्या में किसानों को हिरासत में भी लिया। बाद में सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि आंदोलन खत्म हो गया और रास्ता खोल दिया गया है। उसी समय यह भी...

  • पंजाब के किसान आंदोलन का सबक

    पंजाब की सरकार ने पुलिस भेज कर और बुलडोजर व जेसीबी चलवा कर किसानों का आंदोलन समाप्त करा दिया। पंजाब और हरियाणा के शंभू व खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों को हिरासत में लिया गया और उनके आंदोलन के लिए बनाए गए मंच और दूसरे निर्माण को तोड़ कर गिरा दिया गया। यह आंदोलन 13 महीने से चल रहा था। एक तरफ केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत का दिखावा कर रही थी तो दूसरी ओर पंजाब सरकार ने सीधी कार्रवाई करके किसानों का आंदोलन खत्म कराया। सवाल है कि केंद्र सरकार की सात या आठ दौर की किसानों से...

  • आप सरकार की किसानों से क्या दुश्मनी?

    kisan andolan : यह लाख टके का सवाल है कि अचानक आम आदमी पार्टी और किसानों के बीच क्या दुश्मनी हो गई? ऐसा क्या हुआ कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने वह काम किया, जो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन साल पहले किसानों के साथ नहीं किया था? गौरतलब है कि किसान दिल्ली को चारों तरफ से घेर कर बैठे थे, जिससे आम लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। कारोबारी और आम लोग शिकायतें भी करते थे लेकिन सरकार ने बल प्रयोग करके किसानों को धरने की जगह से नहीं हटाया।...

  • सोचें धरना से आगे

    किसान मोर्चा गुट विचारे करे, तो उसे अहसास होगा कि संघर्ष का उसका तरीका आरंभ से ही समस्या-ग्रस्त था। इसके जरिए 2020-21 के प्रतिरोध की सफलता को दोहराने की उम्मीद जोड़ी गई थी। मगर, एक जैसा तरीका बार-बार कारगर नहीं होता। शंभू बॉर्डर पर 13 महीनों से मोर्चा जमाए किसानों को पंजाब पुलिस ने जबरन हटा दिया। वहां बने मंच और उनके अन्य अस्थायी निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया। प्रमुख नेताओं सहित सैकड़ों किसानों को हिरासत में लिया गया है। पंजाब में जगह-जगह आंदोलन में सक्रिय किसानों के यहां दबिश दी जा रही है। वैसे, केंद्र और पंजाब सरकारों...

  • मान अपनी पार्टी का इतिहास भूल गए

    kisan andolan : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान किसानों पर बहुत नाराज है। उन्होंने कहा है कि पंजाब धरना प्रदेश बनता जा रहा है। वे इस बात से नाराज थे कि किसानों के साथ उनकी बातचीत सिरे नहीं चढ़ी और किसान चंडीगढ़ में धरना देने पर अड़े हैं। असल में मंगलवार को उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ एक बैठक की। किसान अपने मुद्दों को लेकर चंडीगढ़ में धरना देने की घोषणा कर चुके थे। मुख्यमंत्री ने उन्हें समझाने के लिए बैठक की लेकिन बैठक बीच में ही रद्द हो गई। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि किसान बातचीत...

  • किसान आंदोलन का नया रिकॉर्ड बनेगा

    पिछली बार किसान दिल्ली घेर कर बैठे तो एक साल में सरकार ने उनकी मांग मान ली थी और ठीक एक साल बाद उनका आंदोलन खत्म हुआ था। केंद्र सरकार ने तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। लेकिन उस समय किसानों की अन्य मांगों को लेकर भी केंद्र ने वादा किया था, जिन्हें पूरा नहीं किया गया। उन मांगों को लेकर अब किसान एक साल से ज्यादा समय से पंजाब और हरियाणा की सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं। इस बार किसी तरह से उनको दिल्ली नहीं आने दिया गया है। जब भी किसान दिल्ली की ओर...

  • किसानों की एकता बैठक कल

    चंडीगढ़। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने और अन्य मांगों को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच 14 फरवरी को वार्ता होने वाली है। उससे पहले 12 फरवरी को किसान संगठनों की एकता बैठक होगी। इस एकता बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा भी शामिल होगा। इस बीच पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन के 77 दिन हो गए हैं। पिछले सात दिनों से वे बिना मेडिकल सुविधाओं के ही अनशन पर हैं, क्योंकि उनकी अधिकतर नसें ब्लॉक हैं, जिस कारण डॉक्टरों को उन्हें मेडिकल सुविधाएं देने में दिक्कत...

  • जन आंदोलनों का बंद होता रास्ता

    इतिहास के अंत की घोषणा की तरह क्या जन आंदोलनों के अंत की भी घोषणा की जा सकती है? कई लोग मानेंगे कि ऐसा कहना जल्दबाजी है या आधा अधूरा है। कई लोग किसान आंदोलन के कारण तीन विवादित कृषि कानूनों के वापस लिए जाने की मिसाल भी देंगे। निश्चित रूप से वह मिसाल उम्मीद जगाने वाली थी। लेकिन उसके तीन साल बाद जो स्थिति है वह जन आंदोलनों के क्षमता और उसके असर को कमतर करने वाली है। इस स्थिति के पीछे भी उस आंदोलन की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है। निकट अतीत में उतना बड़ा,...

  • किसान फिर दिल्ली कूच करेंगे

    चंडीगढ़। हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर पर पिछले करीब 11 महीने से आंदोलन कर रहे किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करेंगे। इससे पहले तीन बार दिल्ली कूच का उनका अभियान विफल रहा है। हरियाणा पुलिस उनको घग्गर पुल से आगे नहीं बढ़ने देती है। अब किसानों ने 21 जनवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि दिल्ली कूच करने वाले जत्थे में 101 किसान शामिल होंगे। पंधेर ने कहा कि केंद्र सरकार अभी तक वार्ता का मन नहीं बना रही है, इसलिए आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र...

  • हरियाणा के किसान मिलेंगे डल्लेवाल से

    चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर 47 दिन से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत और बिगड़ गई है। उनकी जांच रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि कई महत्वपूर्ण तत्व निर्धारित सीमा से ज्यादा या कम हो गए हैं। यह जांच गुरुवार को हुई थी, जिसकी रिपोर्ट शनिवार को सार्वजनिक की गई। इस बीच खबर है कि रविवार को हरियाणा के किसानों का एक बड़ा जत्था खनौरी बॉर्डर पर उनसे मिलने जाएगा। एक दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी। डल्लेवाल के आमरण अनशन के...

  • खनौरी बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत

    चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट में लगातार चल रही सुनवाई के बीच किसानों ने शनिवार को पंजाब और हरियाणा की खनौरी सीमा पर महापंचायत की। इसमें हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए और किसानों ने जीत का संकल्प किया। खनौरी बॉर्डर पर पिछले 40 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को स्ट्रेचर से महापंचायत के मंच पर लाया गया। उन्होंने किसानों को संबोधित भी किया। अपनी करीब 10 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि, ‘सरकार जितना मर्जी जोर लगा ले, हम ये लड़ाई जीतकर जाएंगे’। उन्होंने कहा कि आंदोलन ऊपर वाले की कृपा से हो...

  • केजरीवाल और सिसोदिया की सीट की चिंता

    Delhi election: आम आदमी पार्टी सचमुच इस बार दिल्ली में मुश्किल लड़ाई में फंसी है। पार्टी के जानकार नेताओं का कहना है कि मनीष सिसोदिया की सीट बदल कर उनको पटपड़गंज से जंगपुरा भेजने के बावजूद सीट को लेकर पार्टी भरोसे में नहीं है। तीन बार से सिसोदिया पटपड़गंज से जीत रहे थे लेकिन पिछली बार की कांटे की लड़ाई को देखते हुए पार्टी ने उनकी सीट बदल कर ज्यादा सुरक्षित दक्षिण दिल्ली के जंगपुरा लड़ने भेजा। वहां कांग्रेस ने पूर्व पार्षद फरहाद सूरी को उम्मीदवार बना दिया है। भाजपा ने अभी अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है लेकिन आप...

  • सियासी रुख की जरूरत

    Kishan andolan: संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) ने चार जनवरी को किसान पंचायत बुलाई है। पंचायत के लिए बुद्धिमानी का फैसला होगा कि वो दल्लेवाल से अनशन खत्म करने का आग्रह करे। ऐसी लड़ाइयां ठोस वैचारिक समझ और व्यावहारिक रणनीति से लड़ी जाती हैं। also read: बिहार : बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्र संगठनों का चक्का जाम सुप्रीम कोर्ट ने 34 दिन का अनशन पूरा कर चुके किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाने की पूरी जिम्मेदारी पंजाब सरकार पर डाल दी है। जबकि दल्लेवाल के नेतृत्व वाले संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) की मांगें केंद्र से हैं।...

  • सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से जुड़ेंगे डल्लेवाल

    नई दिल्ली। पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर 32 दिन से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को भी सुनवाई होगी। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि शनिवार को सुनवाई के बाद वह आदेश जारी करेगी। आमरण अनशन पर बैठे डल्लेवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि डल्लेवाल को दी जा रही मेडिकल मदद जारी रहे। अदालत ने कहा- ऐसा लग रहा है कि...

  • सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से नहीं मिलेंगे किसान

    चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा की सीमा पर पिछले 10 महीने से धरना दे रहे किसानों ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त कमेटी से मिलने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त कमेटी के साथ बुधवार, 18 दिसंबर को मीटिंग होनी थी, लेकिन किसानों ने कहा कि वे इसमें नहीं जाएंगे। इस बीच किसान आंदोलन के कारण 10 महीने से बंद हरियाणा-पंजाब का शंभू बॉर्डर खोलने पर 18 दिसंबर को ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसके अलावा 22 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पर...

  • किसानों को बड़ी घोषणा की उम्मीद

    चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पिछले 10 महीने से तंबू गाड़ कर प्रदर्शन कर रहे किसानों को लग रहा है कि केंद्र सरकार कुछ बड़ी घोषणा कर सकती है। असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि किसानों के प्रदर्शन और उनकी मांगों को लेकर उन्होंने बातचीत की है। इस बीच रविवार को केंद्र सरकार के अधिकारी किसानों से मिले भी हैं। उधर खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत...

  • किसानों को किसी की अनुमति की जरुरत नहीं

    यह कमाल की बात है कि पंजाब और हरियाण के शंभू बॉर्डर पर पिछले नौ महीने से धरना दे रहे किसान दिल्ली आना चाहते हैं और वे जब दिल्ली की ओर कूच करते हैं तो हरियाणा की पुलिस उन पर लाठी चला कर या पानी की बौछार मार कर या आंसू गैस के गोले छोड़ कर उनको रोक दे रही है और पुलिस वाले उनसे पूछ रहे हैं कि उनके पास दिल्ली जाने का परमिशन है क्या। सवाल है कि किसी को भी दिल्ली आने के लिए परमिशन लेने की जरुरत क्यों है? क्या भारत सरकार ने कोई नया नियम...

  • बंटे आंदोलन का संघर्ष

    तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 20 महीनों तक संघर्षरत रहने के बाद एसकेएम को कामयाबी मिली। लेकिन इस तरीके को हर संघर्ष की सफलता का सूत्र मान लेना कितना उचित है, इस पर एसकेएम के “अ-राजनीतिक” गुट को अवश्य विचार करना चाहिए। अपने को “गैर राजनीतिक” कहने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का संघर्ष लगातार गतिरोध का शिकार बना हुआ है, तो उसके पीछे खुद इस गुट की अपनी सोच कम जिम्मेदार नहीं है। एक तरीका एक मामले में सफल हुआ, तो उसे ही अन्य या कहीं व्यापक मुद्दों पर अपनाने की समझ समस्याग्रस्त है। 2020 में तीन कृषि कानून...

  • किसानों का दिल्ली मार्च फिर टला

    चंडीगढ़। पंजाब के किसानों का दिल्ली मार्च एक बार फिर टल गया है। रविवार, आठ दिसंबर को पंजाब के 101 किसानों ने दूसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें घग्गर नदी के पुल पर रोक दिया। करीब चार घंटे की जद्दोजहद के बाद जत्थे को वापस लौटना पड़ा। इसके बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेरने कहा कि सोमवार को फैसला करेंगे कि आगे कब जाना है। इससे पहले 101 किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे शंभू बॉर्डर पर धरनास्थल से दिल्ली कूच के लिए निकला। घग्गर पुल पर पुलिस और किसानों...

  • किसानों ने सरकार को एक दिन की मोहलत दी

    Farmer protest: पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर कई महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक शुक्रवार, छह दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच किया लेकिन करीब ढाई घंटे के बाद उन्होंने अपना दिल्ली मार्च रोक दिया। किसानों ने केंद्र सरकार को समझौता वार्ता के लिए एक दिन का समय दिया है। किसानों ने कहा है कि शनिवार, सात दिसंबर को केंद्र सरकार से बात हो सकती है। अगर सरकार मांग मानती है तो किसान पीछ हट जाएंगे अन्यथा उनका दिल्ली मार्च जारी रहेगा। also read: पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने किया...

और लोड करें