kisan andolan : यह लाख टके का सवाल है कि अचानक आम आदमी पार्टी और किसानों के बीच क्या दुश्मनी हो गई? ऐसा क्या हुआ कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने वह काम किया, जो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन साल पहले किसानों के साथ नहीं किया था?
गौरतलब है कि किसान दिल्ली को चारों तरफ से घेर कर बैठे थे, जिससे आम लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। कारोबारी और आम लोग शिकायतें भी करते थे लेकिन सरकार ने बल प्रयोग करके किसानों को धरने की जगह से नहीं हटाया।
एक साल तक किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठ कर प्रदर्शन करते रहे और एक साल के बाद प्रधानमंत्री ने तीनों विवादित केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया, जिसके बाद किसानों ने प्रदर्शन समाप्त किया। (kisan andolan)
प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से टेलीविजन पर आकर किसानों की मांगे स्वीकार करने की घोषणा की और उनका आंदोलन खत्म कराया।
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आंदोलन कर रहे किसान हिरासत में (kisan andolan)
लेकिन इसके उलट पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने पुलिस भेज कर आंदोलन कर रहे किसानों को हिरासत में लिया और बुलडोजर व जेसीबी लगा कर उनके धरनास्थल को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
किसान जब दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे थे तो आम आदमी पार्टी के नेता उनकी सेवा करने जाते थे। उस समय अरविंद केजरीवाल सरकार की मंत्री रही आतिशी ने कहा था कि ऐसे समय में किसानों की सेवा करना धर्म है। किसानों की सेवा करने का ही प्रसाद मिला कि 2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई।
लेकिन अब पूर्व मुख्यमंत्री हो चुकीं आतिशी ने कहा है कि किसानों के आंदोलन से लोगों को परेशानी हो रही थी इसलिए उनको हटाना जरूरी था। (kisan andolan)
तभी सवाल है कि क्या बदलाव आया, जिसकी वजह से आप की सोच इतनी बदल गई? क्या आम आदमी पार्टी और केंद्र सरकार के बीच कोई समझौता हुआ है?
कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के खिलाफ चल रहे शराब घोटाले की जांच और अन्य मामलों में केंद्रीय एजेंसियों से राहत हासिल करने और दोबारा जेल जाने से बचने के लिए आप ने केंद्र सरकार के सामने सरेंडर किया
किसानों पर जोर जबरदस्ती करके उनका आंदोलन खत्म कराया। जो हो लेकिन दिल्ली हारने के बाद किसानों पर यह अत्याचार आप के पतन की दिशा में एक कदम और है। (kisan andolan)