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  • लेफ्ट से तालमेल में कांग्रेस का नुकसान

    यह बड़ा सवाल है क्योंकि ऐसा लग रहा था कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस में तालमेल हो सकता है। लेकिन कालीगंज सीट पर उपचुनाव ने इस संभावना को कम कर दिया है। पता नहीं कांग्रेस ने कैसे फैसला किया लेकिन इस उपचुनाव पर उसने सीपीएम से तालमेल किया। पहले चर्चा थी को अब लेफ्ट से तालमेल नहीं होगा क्योंकि इससे ममता बनर्जी से आगे के तालमेल का रास्ता बंद होता है और दूसरे केरल में मैसेज खराब बनता है। अगर कांग्रेस पश्चिम बंगाल में सीपीएम के साथ मिल कर लड़ेगी तो केरल में उसके खिलाफ लड़ने में...

  • लेफ्ट और आरएसएस साथ साथ!

    केरल में गुरुवार, 19 जून को नीलांबुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। बेहद प्रतिष्ठा वाली इस सीट पर चुनाव से पहले खूब दांवपेंच चले गए। इसमें सबसे दिलचस्प दांव चला सीपीएम के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने। उन्होंने मतदा से दो दिन पहले कहा कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक सांप्रदायिक संगठन है लेकिन 1975 में इमरजेंसी के समय सीपीएम और आरएसएस ने कंधे से कंधा मिला कर इंदिरा गांधी और कांग्रेस के राज की ज्यादतियों के खिलाफ लड़ाई की थी। ध्यान रहे नीलांबुर सीट पर भाजपा भी लड़ रही है लेकिन वह त्रिकोणात्मक संघर्ष से बाहर है। असली मुकाबला कांग्रेस, सीपीएम और...

  • जेएनयू चुनाव में लेफ्ट का झगड़ा

    जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी यानी जेएनयू में छात्र संघ का चुनाव शुक्रवार, 25 अप्रैल को होगा। यह चुनाव पिछले दिनों स्थगित कर दिया गया था और उम्मीदवारों की अंतिम सूची भी रोक दी गई थी। लेकिन फिर अचानक ऐलान हुआ कि चुनाव शुक्रवार को होगा। इसके लिए बुधवार की रात को अध्यक्षीय बहस भी हुई। जेएनयू चुनाव में लेफ्ट की आपसी भिड़ंत यह जेएनयू छात्र संघ की खासियत है कि वहां अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की तर्ज पर अध्यक्ष के चुनाव से पहले उम्मीदवारों की बहस होती है। सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर वे अपनी राय रखते हैं। दूसरी खास...

  • लेफ्ट ने अकेले शुरू की बंगाल की तैयारी

    तमिलनाडु के मदुरै में पार्टी कांग्रेस के बाद अब सीपीएम ने पश्चिम बंगाल की चुनावी तैयारी अकेले शुरू कर दी है। उसके लिए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव अहम हैं। उसको केरल में अपनी सत्ता बचानी है लेकिन वहां पार्टी को लड़ने में ज्यादा समस्य इसलिए नहीं है क्योंकि नौ साल से उसकी सरकार चल रही है। इसी तरह तमिलनाडु में उसको डीएमके और कांग्रेस के साथ लड़ना है। लेकिन पश्चिम बंगाल में 14 साल पहले सत्ता गंवाने के बाद से पार्टी लगातार खत्म होती जा रही है। उसके पास कोई विधायक या सांसद नहीं है। पार्टी का संगठन...

  • लेफ्ट, राइट, सेंटर सब पर ईडी की कार्रवाई

    पता नहीं केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के अधिकारी और कर्मचारी क्या सोचते हैं, जब उनको किसी नए विपक्षी नेता के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश मिलता है? लेकिन आम लोगों के लिए तो यह मजाक का विषय बन गया है। साधारण नागरिक भी समझ गया है कि ईडी की गाड़ी निकलेगी तो किसी न किसी विपक्षी नेता के घर पर ही रूकेगी। फिर चाहे वह नेता कांग्रेस का हो या लेफ्ट पार्टियों का हो या आम आदमी पार्टी का हो या किसी दूसरी प्रादेशिक पार्टी का हो। यह बात आंकड़ों से भी प्रमाणित है और अदालतों की टिप्पणियों में...

  • सीपीएम सरकार अब बदल रही है

    केरल में चुनाव नजदीक आ रहे हैं और ऐसा लग रहा है कि सीपीएम सरकार बदल रही है। यह भी कह सकते हैं कि देश की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएम में बड़ा वैचारिक बदलाव आ रहा है। यह बदलाव ऐसा समय में आ रहा है, जब पार्टी की कमान वैचारिक शुद्धता पर सर्वाधिक आग्रह रखने वाले प्रकाश करात के हाथ में है। सीताराम येचुरी व्यावहारिक राजनीति करने वाले संशोधनवादी माने जाते थे लेकिन करात शुद्धतावादी हैं। फिर भी केरल की कम्युनिस्ट सरकार अपनी पुरानी आर्थिक नीतियों में बदलाव की दिशा में बढ़ रही है। पार्टी की प्रदेश कांग्रेस में...

  • केरल में लेफ्ट और भाजपा की दोस्ती!

    कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि केरल में सरकार चला रही कम्युनिस्ट पार्टी का भाजपा के साथ अंदरखाने तालमेल है। वैसे इस तरह के आरोप सभी पार्टियां एक दूसरे पर लगाती रहती हैं लेकिन क्या यह सिर्फ आरोप है या इसमें दम है? यह सवाल इसलिए है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से सीपीएम और भाजपा के बीच जुबानी जंग शांत है और दोनों एक दूसरे के प्रति सद्भाव दिखा रहे हैं। दो दिन के भीतर इसकी दो मिसाल देखने को मिली। मंगलवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने दिल्ली में केरल भवन में अपनी पार्टी के राज्यसभा सांसदों...

  • केरल लेफ्ट, कांग्रेस बिना चेहरे के लड़ेंगे

    kerala election 2026 : अगले साल मई में विधानसभा का चुनाव होने वाला है और उससे पहले यह साफ होता दिख रहा है कि सीपीएम के नेतृत्व वाला लेफ्ट डेमोक्रेटिक मोर्चा यानी एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी यूडीएफ दोनों बिना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए चुनाव लड़ेंगे। पिछली बार भी कांग्रेस ने चेहरा घोषित नहीं किया था लेकिन लेफ्ट की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का चेहरे घोषित था। परंतु इस बार पिनरायी विजयन चेहरा नहीं होंगे। उन्होंने खुद ही संकेत दे दिया है कि अगर पार्टी जीतती है तो वे अगली बार मुख्यमंत्री...

  • केरल में राज्यपाल बदलते ही बदला नजरिया

    केरल में सरकार और राजभवन के बीच शांति बहाल हो गई है। कहा जा रहा है कि राज्यपाल बदलते ही नजरिया बदल गया है। सवाल है कि राज्यपाल बदलने से नजरिया बदला है या नजरिया बदलने के लिए राज्यपाल को बदला गया है? जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा नहीं चाहती है कि केरल में लेफ्ट सरकार को ज्यादा निशाना बनाया जाए क्योंकि उसका फायदा कांग्रेस को होगा। लोकसभा चुनाव और उसके बाद वायनाड लोकसभा सीट के उपचुनाव के नतीजों के बाद भाजपा को अहसास हो गया कि अभी उसका समय नहीं आया है। लेकिन अगले साल के चुनाव...

  • केरल में लेफ्ट का विवाद खत्म नहीं हो रहा

    केरल में डेढ़ साल बाद विधानसभा का चुनाव होना है और लोकसभा चुनाव में लेफ्ट मोर्चे के लगातार दूसरी बार बुरी तरह से हारने के बाद सभी वामपंथी पार्टियों के अंदर जो विवाद शुरू हुआ है वह खत्म नहीं हो रहा है। पहले सीपीआई के नेताओं ने विवाद शुरू किया। फिर एलडीएफ सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों ने विवाद किया और अब सीपीएम के अपने नेता और केंद्रीय समिति के सदस्य ईपी जयराजन ने विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि उन्होंने विवाद समाप्त करने का भी प्रयास किया है लेकिन ऐसा लग रहा है कि उन्होंने पलक्कड विधानसभा...

  • लेफ्ट ने मुस्लिम वोट की उम्मीद छोड़ी

    देश की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएम की घबराहट बढ़ रही है। केरल में वायनाड की लोकसभा सीट और पलक्कड विधानसभा सीट पर वह बुरी तरह से घिरी है। एक तरफ भाजपा के वोट आधार में बढ़ोतरी हो रही है और धीरे धीरे हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण दिखने लगा है तो दूसरी ओर मुस्लिम वोट लगभग पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष में एकजुट हो रहा है। इसका सबसे बड़ा नुकसान लेफ्ट मोर्चे को होने वाला है। सीपीएम के नेता मान रहे हैं कि कहीं ऐसा न हो कि एक झटके में पार्टी पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा की तरह राज्य...

  • राजद की नहीं लेफ्ट की ज्यादा जरुरत

    झारखंड में भाजपा ने तालमेल की घोषणा करने के बाद अपनी लगभग सभी टिकटों की भी घोषणा कर दी है लेकिन दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अंदर सीटों के बंटवारे पर ही कलह चल रही है। जेएमएम और कांग्रेस ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ऐलान कर दिया कि राज्य की 81 में से 70 सीटों पर उनके उम्मीदवार लड़ेंगे और बाकी 11 सीटें राजद और लेफ्ट मोर्चे में बंटेंगी। इस पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुंह फुला लिया। उन्होंने कहा कि जेएमएम और कांग्रेस ने सीट बंटवारे की एकतरफा घोषणा की है। हालांकि कहा जा रहा है कि...

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