kerala election 2026 : अगले साल मई में विधानसभा का चुनाव होने वाला है और उससे पहले यह साफ होता दिख रहा है कि सीपीएम के नेतृत्व वाला लेफ्ट डेमोक्रेटिक मोर्चा यानी एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी यूडीएफ दोनों बिना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए चुनाव लड़ेंगे।
पिछली बार भी कांग्रेस ने चेहरा घोषित नहीं किया था लेकिन लेफ्ट की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का चेहरे घोषित था। परंतु इस बार पिनरायी विजयन चेहरा नहीं होंगे।
उन्होंने खुद ही संकेत दे दिया है कि अगर पार्टी जीतती है तो वे अगली बार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। (kerala election 2026)
जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्टी के अंदर की राजनीति और सरकार का समर्थन कर रहे कई नेताओं के समर्थन वापस लेने की वजह से भी उन पर सवाल उठा है।
यह भी कहा जा रहा है कि लेफ्ट मोर्चे ने रणनीति के तहत उनका चेहरा दूर किया ताकि उनके 10 साल के कार्यकाल की एंटी इन्कम्बैंसी को कम किया जा सके। (kerala election 2026)
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पार्टी के अंदर बहुत गुटबाजी (kerala election 2026)
पहले आमतौर पर केरल में पांच साल में सत्ता बदलती थी तो लेफ्ट मोर्चे को ऐसी रणनीति अपनाने की जरुरत नहीं पड़ी थी। बहरहाल, दूसरी ओर कांग्रेस नेतृत्व ने भी साफ कर दिया है कि वह किसी का चेहरा प्रोजेक्ट नहीं करेगी। इसका कारण यह भी है कि पार्टी के अंदर बहुत गुटबाजी है।
कई सर्वेक्षणों के हवाले तिरूवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर अपने को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बता रहे थे। उनसे बहुत पहले से रमेश चेन्निथला सीएम पद का दावेदार रहे हैं तो फिलहाल पार्टी की कमान संभाल रहे प्रदेश अध्यक्ष के सुधाकरण और विधायक दल के नेता वीडी सतीशन भी अपने को दावेदार मान रहे हैं।
ऊपर से राहुल गांधी के सबसे करीबी और कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को आलाकमान की कृपा की वजह से सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। तभी पार्टी ने कह दिया है कि किसी का चेहरा घोषित नहीं होगा। (kerala election 2026)
कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व में लड़ेगी। पिछले दिनों राहुल गांधी ने केरल कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की और उनसे दो टूक शब्दों में कहा कि वे गुटबाजी खत्म करें। दीपा दासमुंशी को केरल का प्रभारी बनाया गया है। उन्होंने भी गुटबाजी खत्म करने का निर्देश दिया है।