low voting

  • मतदान का घटता प्रतिशत… अनिवार्यता की चर्चा…?

    भोपाल। पिछले कुछ सालों के चुनावी आंकड़ों से यह स्पष्ट हो रहा है कि देश में होने वाले हर चुनाव में मतदान के प्रतिशत में पिछले चुनाव की अपेक्षा कमी होती जा रही है, यद्यपि इस समस्या को लेकर अलग- अलग स्तरों पर विभिन्न तरह की चर्चाओं का दौर जारी है और इस समस्या के अनेक कारण भी गिनाए जा रहे है, किंतु यह तो कटुसत्य है कि देश के मतदाताओं में अपने इस प्रथम महत्वपूर्ण दायित्व के निर्वहन में अरूचि या लापरवाही स्पष्ट परिलक्षित हो रही है। यद्यपि इस मसले को लेकर विभिन्न स्तरों पर चर्चाओं का दौर जारी...

  • वीआईपी सीटों पर भी मतदान कम

    वैसे तो इस बार के लोकसभा चुनाव का खास ट्रेंड यह दिख रहा है कि हर जगह मतदान में या तो पिछली बार के मुकाबले कमी आ रही है या उसके आसपास मतदान हो रहा है। लेकिन हैरानी की बात है कि जिन सीटों पर पार्टियों के बड़े नेता चुनाव लड़ रहे हैं या पार्टियों ने ग्लैमर का तड़का लगाने के लिए फिल्मी सितारों आदि को उतारा है उन सीटों पर भी मतदान करने में लोगों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है। दूसरे चरण की 88 सीटों में से ज्यादातर वीआईपी सीटों पर औसत से कम या पिछली बार से...

  • दूसरे चरण में भी कम मतदान

    नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए लोगों का उत्साह नदारद है। दूसरे चरण के मतदान में भी वोटिंग का प्रतिशत पहले से कम रहा। दूसरे चरण में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर हुए चुनाव में 61 फीसदी मतदान हुआ। शाम छह बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक 61 फीसदी लोगों ने वोट डाले। यह आंकड़ा कुछ और बढ़ सकता है क्योंकि छह बजे वोटिंग का समय खत्म होने के बाद भी बड़ी संख्या में लोग कतार में थे। वोटिंग का फाइनल आंकड़ा देर रात या शनिवार को आएगा। चुनाव आयोग के अंतरिम आंकड़ों के...

  • घटता मतदान प्रतिशत किस खतरें का संकेत…?

    भोपाल। विश्व के सबसे बड़े और प्राचीन लोकतंत्री देश भारत की आजादी के पचहत्तर वर्ष बाद आज विश्वस्तर पर यह चिंता व्यक्त की जा रही है कि क्या भारत में लोकतंत्र के प्रति आस्था में कमी आती जा रही है? क्या देशवासी लोकतंत्र की कथित राजनीतिक तानाशाही से परेशान होकर ‘अंग्रेज राज’ को याद कर रहे है? क्या लोकतंत्र की रीढ़ चुनाव प्रणाली के प्रति आम रूचि कम हो रही है? ये कुछ ऐसे सवाल है, जो आज मानव के सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र में उठाए जा रही है, इसका सबसे मुख्य उदाहरण हर चुनाव के समय मतदान प्रतिशत...

  • क्यों चुनाव पर उदासीनता?

    देश में जिससे बात कीजिए वह कहता मिलेगा कि यह बहुत अहम चुनाव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले चरण के मतदान से पहले अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो कहा कि यह सामान्य चुनाव नहीं है। राहुल गांधी ने भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि यह कोई सामान्य चुनाव नहीं है। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी हैं, जो लगातार तीसरी बार चुनाव जीत कर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी करने के लिए लड़ रहे हैं। वे चुनाव को इसलिए अहम बता रहे हैं क्योंकि वे अपनी सरकार के कामकाज...

  • कम मतदान से चुनाव आयोग चिंतित

    देश में जिससे बात कीजिए वह कहता मिलेगा कि यह बहुत अहम चुनाव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले चरण के मतदान से पहले अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो कहा कि यह सामान्य चुनाव नहीं है। राहुल गांधी ने भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि यह कोई सामान्य चुनाव नहीं है। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी हैं, जो लगातार तीसरी बार चुनाव जीत कर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी करने के लिए लड़ रहे हैं। वे चुनाव को इसलिए अहम बता रहे हैं क्योंकि वे अपनी सरकार के कामकाज...

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