NDA government

  • मोदी सरकार के 11 साल : पद्म पुरस्कार से सम्मानित हस्तियों ने गिनाईं उपलब्धियां

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 11 साल का कार्यकाल पूरा होने पर देशभर के पद्म पुरस्कार से सम्मानित हस्तियों ने सरकार को लेकर अपने अनुभव शेयर किए। देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले इन पद्म पुरस्कार से सम्मानित लोगों ने मोदी सरकार के 11 साल की उपलब्धियां गिनाईं। साथ ही उन्होंने बताया कि मोदी सरकार हर एक क्षेत्र में विकास के नए आयाम कैसे गढ़ रही है।   पद्मश्री से सम्मानित बिहार के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. हेमंत कुमार ने सोमवार को मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि...

  • शिवराज सिंह चौहान का दावा, झारखंड में बनेगी एनडीए की सरकार

    रांची। केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री एवं झारखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा है कि झारखंड की जनता ने चुनाव में भारतीय जनता पार्टी-एनडीए को भरपूर प्यार और समर्थन दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के प्रति राज्य की जनता में अद्भुत विश्वास दिखा। इसके आधार पर कह सकता हूं कि 23 नवंबर को परिणाम आने के साथ ही हमारी सरकार बनेगी और राज्य में सुशासन के नए अध्याय की शुरुआत होगी। गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए चौहान ने कहा कि चुनाव अभियान के दौरान झारखंड की जनता ने...

  • ओडिशा के ऑपरेशन लोटस से सहयोगी चिंतित

    भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा में ऑपरेशन लोटस शुरू कर दिया है। चुनाव नतीजों के बाद इस ऑपरेशन का पहला शिकार ममता महंता हैं। उन्होंने बीजू जनता दल और राज्यसभा दोनों से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं। जाहिर है उप चुनाव में बीजू जनता दल की यह राज्यसभा सीट भाजपा के खाते में चली जाएगी। ममता महंता के बाद खबर है कि बीजद के कई और नेता पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। भाजपा के एक विधायक ने संख्या भी बताई। उन्होंने कहा कि बीजद के कम से कम 30 बड़े नेता भाजपा में...

  • 2029 में भी हमारी सरकार: अमित शाह

    चंडीगढ़। एनडीए सरकार के संख्या बल को लेकर सवाल पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एनडीए गठबंधन न केवल अपना कार्यकाल पूरा करेगा बल्कि 2029 में भी सरकार बनायेगा। नरेन्द्र मोदी जी ही सत्ता में आएंगे। उन्होने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहां कि,‘‘मैं विपक्ष के मित्रों को आश्वासन देना चाहता हूं कि यह सरकार न केवल पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी बल्कि अगला कार्यकाल भी इसी सरकार का होगा। विपक्ष में बैठने के लिए तैयार रहें और विपक्ष में प्रभावी ढंग से काम करना सीखें।’’ उन्होंने कहा,‘‘मैं कहना चाहता हूं कि 2014 से 2024...

  • पर अंहकार, आत्मविश्वास कायम

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सेहत पर कोइई फर्क नहीं पड़ता है। उन्हे शपथ लेनी थी ले ली तो सब ठिक है।  शासकीय और राजनैतिक कसौटियों में कामयाब होने का गुमान यथावत है। संसद के इसी सत्र के बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों का बिगुल बजा हुआ होगा। सितंबर में अधिसूचना होनी चाहिए। अपना मानना है कि मोदी-शाह विपक्ष शासित झारखंड को जैसे-तैसे जीतने की जुगत में है ताकि महाराष्ट्र में हारे तो क्षतिपूर्ति के नाते झारखंड में जीतने का नैरेटिव बने। इसलिए हेमंता बिस्वा, अमित शाह, शिवराजसिंह चौहान, राजनाथसिंह सभी का झारखंड में डेरा लगना है।...

  • भारत ‘विकसित’ नहीं चौतरफा लड़खड़ा रहा है!

    नरेंद्र मोदी सरकार में इस विद्रूपता से भारत की इच्छाशक्ति और समझ का सिरे से अभाव है। बेरोजगारी और महंगाई जैसे प्रश्नों पर वह नव-उदारवादी फॉर्मूलों पर पुनर्विचार करने तक को तैयार नहीं है। चूंकि हाल के आम चुनाव में इन दोनों समस्याओं के कारण उसे गंभीर झटके लगे, इसलिए वह इस दिशा में कुछ करते तो दिखना चाहती है, लेकिन सचमुच कुछ करना नहीं चाहती! …महंगाई के सवाल पर तो उसने आत्म-समर्पण कर दिया है। बेरोजगारी का जो समाधान उसने पेश किया है, उसे दिखावटी से ज्यादा कुछ मानने का तर्क नहीं है। तो विचारणीय प्रश्न यह है कि...

  • मनःस्थिति और नाट्यमंचन का अंतर्विरोध

    नरेंद्र भाई, आप की अधीरता, आप की व्याकुलता और आप की व्यग्रता आप के सोचने में ही नहीं, चलने, बोलने, करने में भी अब बहुत दूर से और एकदम नंगी आंखों से लोगों को दिखाई देने लगी है। ये लक्षण अच्छे नहीं हैं। जिंदगी में इतना विरोधाभास घातक होता है। अगर व्यक्तित्व और सोच में सामंजस्य गड़बड़ा जाए, अगर शख़्सियत और तफ़क्कुर सतत बनती हुई इकाई की प्रक्रिया से दूर जाने लगें तो समझ लीजिए कि अब स्वयं प्रस्थान में ही भलाई है। आप समझें तो ठीक, न समझें तो ठीक। आप की महिमा, आप जानें! हमारे धर्मशास्त्रों में मनुष्य...

  • संसद का मानसून सत्र आज से शुरू: विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दे!

    संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है, जिसमें 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा। सत्र 12 अगस्त तक 19 बैठकों तक चलेगा, जिसके दौरान सरकार छह विधेयक पेश करने की योजना बना रही है, जिसमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने के लिए एक विधेयक और वर्तमान में केंद्र के अधीन जम्मू-कश्मीर के बजट के लिए संसदीय अनुमोदन प्राप्त करना शामिल है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। नीट पेपर लीक और रेलवे सुरक्षा पर विपक्ष की चुनौती संयुक्त विपक्ष नीट पेपर लीक मामले और रेलवे सुरक्षा...

  • चांद से जमीन पर उतरे

    हाल पहले से बुरा है या अब बिगड़ा है, यह फिलहाल अप्रसांगिक सवाल है। आज की हकीकत यह है कि हम सबके आसपास- भौतिक और मानव दोनों तरह के- इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थितियां जर्जर होती जा रही हैं। बुनियाद ही जर्जर दिखने लगी है। बारिश के कारण तीन दिन में तीन हवाई अड्डों के छज्जे गिरे। एक अन्य जगह पानी टपकता दिखा। नई दिल्ली में तो इस हादसे में एक मौत भी हुई। राष्ट्रीय राजधानी में बारिश शुरुआती और साधारण थी। फिर भी वीआईपी इलाकों समेत लगभग पूरे शहर में तालाब जैसा नजारा बन गया। देश के सबसे बड़े अस्पताल- एम्स-...

  • बिहार, आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा!

    लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात बड़ी तेजी से चली थी। कहा जा रहा था कि जनता दल यू और तेलुगू देशम पार्टी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तभी समर्थन मिलेगा, जब दोनों राज्यों के लिए विशेष राज्य के दर्जे का ऐलान होगा। लेकिन यह अनुमान भी वैसे ही गलत साबित हो गया, जैसे कई मंत्री पद, भारी भरकम मंत्रालय और स्पीकर का पद लेने का अनुमान था। अब कहा जा रहा कि केंद्र सरकार किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने जा रही है। जानकार सूत्रों...

  • जगन और नवीन की जरुरत बनी रहेगी

    आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों में बुरी तरह हारी। लोकसभा में राज्य की 25 में से सिर्फ चार सीटें उसे मिली, जबकि पिछली बार उसने 22 सीटें जीती थी। विधानसभा की 175 में से सिर्फ 11 सीट जगन की पार्टी को मिली। इसी तरह ओडिशा में लोकसभा चुनाव में नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल का सफाया हो गया। पार्टी 21 में से एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत सकी। राज्य की 147 विधानसभा सीटों में उसे 51 सीटों पर जीत मिली। इस नतीजे के बाद दोनों का महत्व समाप्त हो...

  • भारत की विकास गाथा जारी रहेगी

    सरकार समान नागरिक संहिता पूरे देश में लागू करने के अपने संकल्प पर भी आगे बढ़ेगी। सहयोगी पार्टियों के साथ सहमति बनाते हुए यह काम किया जाएगा। ध्यान रहे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कह दिया है कि सरकार बहुमत से बनती है लेकिन राजकाज सर्वमत से चलता है। इसलिए वे सर्वमत बनाते हुए अपने इस एजेंडे को आगे ले जाएंगे। एस. सुनील प्रलय की भविष्यवाणी करने वालों को निराशा हुई है। सरकार बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को किसी के सामने झुकना नहीं पड़ा और न कोई समझौता करना पड़ा। इतना ही नहीं सहयोगी पार्टियों...

  • सरकार पर दबाव तो बढ़ेगा!

    भाजपा को ले कर मीडिया और सोशल मीडिया में जो सन्नाटा था वह टूटता दिख रहा है। इसलिए क्योंकि सरकार के गठन और मंत्रालयों के बंटवारे में ऐसा दिख रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दबाव में नहीं आए हैं। उन्होंने सरकार का समर्थन करने वाली बड़ी पार्टियों को भी उनकी संख्या के हिसाब से मंत्री पद नहीं दिए। कई सहयोगी पार्टियों को तो सरकार में भी शामिल नहीं किया। साथ ही मंत्रालयों का बंटवारा भी अपने हिसाब से किया। सारे अहम मंत्रालय भाजपा के नेताओं के पास रहे, जबकि सहयोगी पार्टियों के नेताओं को कम महत्व और कम बजट...

  • राज्यों के चुनाव का इंतजार

    चुनाव नतीजों से पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि अगर भारतीय जनता पार्टी बहुमत तक नहीं पहुंचती है या वह ढाई सौ की संख्या से नीचे रूकती है तो उसे सहयोगी पार्टियों का दबाव झेलना पड़ेगा और पार्टी के अंदर से भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ आवाज उठेगी। नतीजों में भाजपा 240 पर सिमट गई लेकिन पार्टी के अंदर से कोई आवाज नहीं उठी। कह सकते हैं कि मोदी और शाह ने बड़ी होशियारी से पार्टी के अंदर की संभावित बगावत को थाम लिया। सभी बड़े नेताओं को उनके पुराने मंत्रालय फिर से दे दिए।...

  • शासन की निरंतरता और गठबंधन की मजबूरी

    नरेंद्र मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री अपने तीसरे कार्यकाल में शासन की निरंतरता जारी रखी है। केंद्र सरकार के सभी अहम मंत्रालयों में पुराने मंत्रियों की वापसी हुई है। राजनाथ सिंह प्रतिरक्षा संभालते रहेंगे तो देश की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा अमित शाह के पास ही रहेगा। अगर वे अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करते हैं तो यह एक रिकॉर्ड होगा क्योंकि देश में आज तक कोई भी नेता 10 साल तक गृह मंत्री नहीं रहा है। अर्थ नीति और विदेश नीति का जिम्मा क्रमशः निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर के पास ही है और सड़क परिवहन व राजमार्ग का जिम्मा नितिन...

  • माफियाराज को समाप्त करेगी एनडीए सरकार: विजय सिन्हा

    पटना। राजद के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के बिहार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए जाने के बाद उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधी और माफिया पर अंकुश लगाने का काम शुरू हो गया है। कुछ बीमारी को समाप्त करने में समय लगता है। उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि जंगलराज और माफिया राज लाने वाले लोगों की मानसिकता और साम्राज्य को एनडीए सरकार (NDA Government) समाप्त करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संकल्प है कि बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण बनाएंगे। इसमें कोई कमी नहीं रहने...

  • केंद्रीय मंत्रियों ने कामकाज संभाला

    नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल सहित अनेक नव नियुक्त केंद्रीय मंत्रियों ने मंगलवार को अपने अपने मंत्रालय का कामकाज संभाला। जनता दल यू को मिले मंत्रालयों को लेकर बिहार में चल रहे विवाद के बीच राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी अपना कामकाज संभाल लिया। उन्हें पंचायती राज, मछली पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग का मंत्री बनाया गया है। बहरहाल, अमित शाह ने मंगलवार को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए भारत के गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाला। अगर वे यह कार्यकाल...

  • असली और नकली राजा

    सहज राजा अपने पूर्ववर्ती, प्रतिद्वंद्वी, या मातहत के प्रति ग्रंथि से मुक्त होता है। उसे किसी से अपनी चमक फीकी पड़ने का अंदेशा नहीं होता। नकली राजा हर बात से अपनी कमतरी दिखने के डर में रहता है। उसे अपना गुणवान मंत्री, मंत्री का अच्छा सचिव भी नागवार गुजरता है। यह क्षुद्र मानसिकता नकली राजा की पहचान है कि वह सदा शंकालु रहे, बेरंग सहयोगी ढूँढे, ताकि केवल राजा का रंग दिखे!.....भाजपाई अपने सभी कुकर्मों का बचाव कांग्रेस का उदाहरण देकर ही करते हैं! जो अचेत स्वीकृति है कि असली राजा कांग्रेस है। नकली, इम्पोस्टर, तो बस नकल ही कर...

  • जोखिम भरी ये राह

    चार जून को नतीजे आने के बाद से भाजपा ने लगे झटके को नजरअंदाज करने और संख्या बल के आधार पर राजनीतिक पराजय की अनदेखी करने की जो रणनीति अपनाई, मंत्रि-परिषद के गठन में भी उसकी ही झलक देखने को मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई मंत्रि-परिषद यह संकेत देती है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रबंधकों ने आम चुनाव में लगे झटके के असर को फिलहाल मैनेज कर लिया है। ये अटकलें गलत साबित हुई हैं कि इस बार के मंत्रिमंडल में एनडीए के घटक दलों की प्रमुख उपस्थिति होगी। वैसे सहयोगी दलों के साथ भाजपा ने कुल...

  • मोदी के तीसरे कार्यकाल की चुनौतियां

    नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के तौर पर तीसरा कार्यकाल शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री स्वंय और भाजपा के अन्य नेता खूब आत्मविश्वास दिखा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि सरकार के संचालन में कोई समस्या नहीं होगी। परंतु हकीकत उनको भी पता है। इस बार मोदी के लिए कामकाज पहले दो कार्यकाल की तरह आसान नहीं होगा। यह कहने का कतई यह आशय नहीं है कि उनके प्रधानमंत्री बने रहने में कोई समस्या आएगी। अगले पांच साल में उनकी सत्ता को कोई समस्या नहीं होगी। भाजपा की तरफ से या सहयोगी पार्टियों की ओर से सत्ता के लिए...

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