Prayagraj

  • सावन के पहले दिन काशी, हरिद्वार और प्रयागराज में उमड़े श्रद्धालु

    पवित्र सावन महीने की शुरुआत के साथ ही देशभर के प्रमुख तीर्थस्थलों पर 'बम-बम भोले' के जयकारे गूंज रहे हैं। भगवान शिव को समर्पित यह महीना श्रद्धा, आस्था और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर वाराणसी, हरिद्वार और प्रयागराज जैसे तीर्थस्थलों पर शुक्रवार की सुबह भक्ति, सेवा और समर्पण के अद्वितीय उदाहरण के रूप में देखी गई। हजारों शिव भक्त मंदिरों में भगवान की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करने के लिए कतारों में खड़े हुए।  देवभूमि हरिद्वार में 'बम-बम भोले' और 'हर-हर महादेव' के जयकारों की गूंज है। शुक्रवार सुबह 'हर की पौड़ी' पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़...

  • कोर्ट का ‘मानवीय’ हस्तक्षेप

    जहां भी जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर बुल्डोजर चलता है, वहां सुप्रीम कोर्ट अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का अधिकार रखता है। मगर अब तक ऐसा एक भी मामला सामने नहीं आया है। नतीजतन, अधिकारी बेखौफ बने हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में छह व्यक्तियों के मकान बुल्डोजर से गिराने के मामले को ‘अमानवीय और अवैध’ माना। कोर्ट ने आवास के अधिकार का भी हवाला दिया। कहा कि प्रशासन मनमाने ढंग से किसी के निवास को जमींदोज नहीं कर सकता। तो सर्वोच्च न्यायालय ने पीड़ित परिवारों को दस-दस लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। जजों ने...

  • हिंदुओं ने सभी को हरा दिया!

    जो आस्थावान हैं वे परमहंस अवस्था में हैं। उन्हें मुक्ति मिली। मोक्ष के साथ स्वर्गलोक में स्थान पक्का! जीवन तथा जन्म धन्य। ऐसे कोई 66 करोड़ हिंदुओं ने मौका नहीं चुका है। इन्होंने कुंभ में डुबकी लगाई और पापों को पुण्य में बदला। जन्म-जन्मांतर से मुक्ति हुई। स्वर्ग (ब्रह्म में लीन) सुख की गारंटी पाई। दूसरी तरफ वे संसारजीवी हिंदू हैं, जो हैरानी से मन ही मन मान रहे हैं कि मार्केटिंग के रणनीतिकारों की कोई न कोई टोली, कोई थिंक टैंक है, जिसकी प्लानिंग से योगी और मोदी हिंदुओं में आस्था की सुनामी बनाते हुए हैं! बकौल प्रधानमंत्री मोदी...

  • मुद्दा बड़ा गंभीर है

    mahakumbh water quality : धार्मिक आस्था अक्सर तथ्यों और तर्कों से ऊपर होती है। बेशक, इसमें किसी को दखल नहीं देना चाहिए। मगर संभावित जोखिम के प्रति आगाह करना सरकारों, खास कर स्वायत्त प्रशासनिक एजेंसियों का कर्त्तव्य एवं उत्तरदायित्व दोनों ही है। प्रयागराज में गंगा जल की गुणवत्ता संबंधी विवाद गंभीर है। इसमें मुख्य मुद्दा पर्यावरण की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने वाली भारत की सर्व-प्रमुख एजेंसी की केंद्रीय और उत्तर प्रदेश इकाई के बीच मतभेद का है। प्रश्न है कि ये एजेंसियां सभी स्तरों पर स्वायत्त ढंग से काम करती हैं, या ये सत्ताधारी दलों के सियासी एजेंडे से प्रभावित...

  • धर्म संसद में एकता नहीं बन पाई

    prayagraj mahakumbh: पिछले महाकुंभ में यानी 2013 में तब के इलाहाबाद में हुए महाकुंभ में धर्म संसद बहुत बड़ी हुई थी। उसमें कम से कम दो शंकराचार्य मौजूद थे। उनके अलावा कई अखाड़ों के महामंडलेश्वर भी शामिल हुए। तब अपनी लोकप्रियता के शिखर पर मौजूद बाबा रामदेव भी धर्म संसद में शामिल हुए थे। उसका आयोजन विश्व हिंदू परिषद की देखरेख में हुआ था और तब विहिप की कमान अशोक सिंघल के हाथ में थी।( prayagraj mahakumbh) उस समय महाकुंभ की धर्म संसद में प्रधानमंत्री के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का जिक्र हुआ था और साधु संतों ने एक...

  • महाकुंभ के शिविरों में आग

    Prayagraj Mahakumbh Fire: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रविवार को महाकुंभ में आग लग गई। रेलवे पुल के नीचे सेक्टर 19 में गीता प्रेस के शिविर में रविवार की शाम साढ़े चार बजे आग लगी। इस आग में गीता प्रेस के एक सौ से ज्यादा कॉटेज जल कर राख हो गए। हालांकि इन शिविरों में कल्पवास कर रहे सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। महाकुंभ की आग में किसी की जान नहीं गई है लेकिन एक अनुमान के मुताबिक एक करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जल गई है।(Prayagraj Mahakumbh Fire) घटना की सूचना मिलने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री...

  • शिक्षा का संगम स्थल भी रहा प्रयागराज

    प्रयागराज सिर्फ बहुयज्ञ स्थल के रूप में ही नहीं, बल्कि प्राचीन काल से ही शिक्षा के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में भी विश्वविख्यात रहा है। इतिहासवेताओं के अनुसार प्राचीन काल में यहाँ अनेक ऋषियों के आश्रम व गुरुकुल थे। त्रेतायुग में प्रयागराज में वर्तमान आनन्द भवन के समीप ही भरद्वाज (भारद्वाज) आश्रम था। यहीं भगवान राम के वन गमन काल में महर्षि भरद्वाज का आश्रम हुआ करता था। गंगा, यमुना और गुप्त सरस्वती के त्रिवेणी संगम स्थल पर अवस्थित उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में आगामी 13 जनवरी 2025 से भव्य रूप से आयोजित होने वाले कुम्भ मेले के कारण प्रयागराज चर्चा...

  • हर जगह बस कुंभ का रेलमपेला है!

    घूमने के सारे ठिकाने, पर्यटन स्थल चाहे कितने ही मनमोहक क्यों न हों, वहां कुंभ की रेलमपेल मची रहती है। जबकि छुट्टियों का एक मकसद भीड़-भाड़ से दूर जाना भी होता है। भारत भर में पूरे साल हर तरह के पर्यटन स्थल - बीच हों या पहाड़, तीर्थ हो या नेशनल पार्क - हमेशा बुक रहते हैं। हर जगह कुम्भ के मेले जैसा नज़ारा रहता है।  गहरा नीला आसमान और हवा में झूमते ताड़ के वृक्ष। बालकनी से मैं ज़मीन पर बिछी सफ़ेद रेत का अंतहीन सिलसिला देख सकती हूँ। धूप ठीक उतनी गर्म है, जितनी होनी चाहिए। दूर कहीं...

  • प्रयागराज में छात्र जीते!

    प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी यूपीपीएससी को अपना फैसला बदलना पड़ा है। अब उत्तर प्रदेश की लोक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा एक ही शिफ्ट में होगी। गौरतलब है कि करीब 20 हजार छात्र पिछले चार दिन से प्रयागराज में यूपीपीएससी के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने लाठीचार्ज करके और दूसरे तरीके से छात्रों को वहां से हटाने का प्रयास किया लेकिन जब कामयाबी नहीं मिली तो आयोग को छात्रों की बात माननी पड़ी। अब पीसीएस की परीक्षा एक शिफ्ट में होगी और आयोग जल्दी ही आरओ व एआरओ की परीक्षा भी एक शिफ्ट में...

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