South Korea

  • गायब हो गई चमक

    सम्मेलन उस समय हुआ, जब फिलस्तीन में इजराइल के नरसंहार के पक्ष में खड़ा होकर अमेरिका ने अपने सॉफ्ट पॉवर को लहू-लुहान कर रखा है। दूसरी तरफ इस वर्ष ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति चुन लिए जाने की संभावना प्रबल होती जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद बड़े धूम-धाम से समिट ऑफ डेमोक्रेसीज- यानी लोकतांत्रिक देशों के सम्मेलन का आयोजन किया था। सबसे पहले इस सम्मेलन का विचार उन्होंने 2020 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान रखा था। तब अमेरिकी जनमत के एक बड़े हिस्से में आशंका पैदा हुई थी कि...

  • दक्षिण कोरिया ने अपना पहला जासूसी उपग्रह सफलतापूर्वक किया प्रक्षेपित

    South Korea News :- रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उत्तर कोरिया के बढ़ते खतरों के बीच अंतरिक्ष-आधारित खुफिया क्षमताओं के लिए सियोल की खोज की परिणति में, दक्षिण कोरिया ने कैलिफोर्निया में अमेरिकी सैन्य अड्डे से अपना पहला स्वदेशी सैन्य जासूसी उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया। प्योंगयांग द्वारा पिछले सप्ताह अपने स्वयं के जासूसी उपग्रह प्रक्षेपण में सफलता का दावा करने के बाद शुक्रवार को वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से उपग्रह का प्रक्षेपण किया गया। मंत्रालय ने कहा कि उपग्रह को सुबह 10.19 बजे प्रक्षेपण के लगभग चार मिनट बाद कक्षा में...

  • किम जोंग-उन ने स्थानीय चुनावों में किया मतदान

    Kim Jong Un :- उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने देश भर के प्रांतों, शहरों और काउंटियों की स्थानीय विधानसभाओं के लिए नए प्रतिनिधियों को चुनने के लिए सप्ताहांत में हुए स्थानीय चुनावों में मतदान किया। चुनाव में लगभग 100 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। राज्य मीडिया ने सोमवार को सूचना दी। उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार, किम ने रविवार को दक्षिण हैमग्योंग प्रांत में स्थापित एक मतदान केंद्र का दौरा किया और क्षेत्र में मतदान किया। उत्तर कोरिया में स्थानीय चुनाव हर चार साल में होते हैं और सीटों की संख्या प्रत्येक...

  • उत्तर कोरिया से रूस तो दक्षिण कोरिया से अमेरिका को हथियार!

    समय का पहिया पूरा घूम चुका है। ऐसा क्यों माना जाए?  यह जानने के लिए पिछले हफ्ते के घटनाक्रम पर नजर डाले। बताया जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथउत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग की मुलाकात काफी बढ़िया हुई। हम जानते ही हैं कि चोर-चोर सगे नहीं तो मौसेरे भाई तो होते ही हैं। लिहाज़ा, दोनों ने साथ बैठकर वाइन पी, एक-दूसरे की तारीफों के पुल बांधे और एक-दूसरे को सैनिक साजो-सामान देने का भरोसा दिलाया। हालांकि सैन्य सौदे का विस्तृत विवरण मास्को और प्योंग्यांग दोनों में से किसी ने नहीं दिया और ना ही इसकी...

  • जापान और दक्षिण कोरिया ने भुला दिया अतीत!

    कभी जापान और दक्षिण कोरिया एक दूसरे के कट्टर दुश्मन थे। उनके रिश्तों में कड़वाहट के पीछे था अतीत। विशेषकर दक्षिण कोरिया पर जापान के औपनिवेशिक शासन के दौर से विरासत में मिली अनसुलझी समस्याएं। परंतु  अब नए और कहीं ज्यादा बड़े साझा दुश्मन से मुकाबला करने के लिए दोनों देशों ने अपनी पुरानी अदावत को भूलने का फैसला किया है। यह बड़ा साझा दुश्मन है चीन। और पुराने दुश्मनों को गले मिलवाया है अमरीका ने, क्योंकि उसके भी इस क्षेत्र में स्वार्थ हैं। पिछले कुछ सालों से सबसे बड़ी विश्व शक्ति बनने के लिए अमरीका और चीन में प्रतिस्पर्धा...

  • दक्षिण कोरिया में बाढ़ से भारी तबाहीः 33 की मौत, सात शव बरामद

    कभी जापान और दक्षिण कोरिया एक दूसरे के कट्टर दुश्मन थे। उनके रिश्तों में कड़वाहट के पीछे था अतीत। विशेषकर दक्षिण कोरिया पर जापान के औपनिवेशिक शासन के दौर से विरासत में मिली अनसुलझी समस्याएं। परंतु  अब नए और कहीं ज्यादा बड़े साझा दुश्मन से मुकाबला करने के लिए दोनों देशों ने अपनी पुरानी अदावत को भूलने का फैसला किया है। यह बड़ा साझा दुश्मन है चीन। और पुराने दुश्मनों को गले मिलवाया है अमरीका ने, क्योंकि उसके भी इस क्षेत्र में स्वार्थ हैं। पिछले कुछ सालों से सबसे बड़ी विश्व शक्ति बनने के लिए अमरीका और चीन में प्रतिस्पर्धा...

  • सभी कोरियाई दो साल छोटे हो गए!

    कभी जापान और दक्षिण कोरिया एक दूसरे के कट्टर दुश्मन थे। उनके रिश्तों में कड़वाहट के पीछे था अतीत। विशेषकर दक्षिण कोरिया पर जापान के औपनिवेशिक शासन के दौर से विरासत में मिली अनसुलझी समस्याएं। परंतु  अब नए और कहीं ज्यादा बड़े साझा दुश्मन से मुकाबला करने के लिए दोनों देशों ने अपनी पुरानी अदावत को भूलने का फैसला किया है। यह बड़ा साझा दुश्मन है चीन। और पुराने दुश्मनों को गले मिलवाया है अमरीका ने, क्योंकि उसके भी इस क्षेत्र में स्वार्थ हैं। पिछले कुछ सालों से सबसे बड़ी विश्व शक्ति बनने के लिए अमरीका और चीन में प्रतिस्पर्धा...

  • उत्तर कोरिया जब चाहे बढ़ा देगा घबराहट!

    कभी जापान और दक्षिण कोरिया एक दूसरे के कट्टर दुश्मन थे। उनके रिश्तों में कड़वाहट के पीछे था अतीत। विशेषकर दक्षिण कोरिया पर जापान के औपनिवेशिक शासन के दौर से विरासत में मिली अनसुलझी समस्याएं। परंतु  अब नए और कहीं ज्यादा बड़े साझा दुश्मन से मुकाबला करने के लिए दोनों देशों ने अपनी पुरानी अदावत को भूलने का फैसला किया है। यह बड़ा साझा दुश्मन है चीन। और पुराने दुश्मनों को गले मिलवाया है अमरीका ने, क्योंकि उसके भी इस क्षेत्र में स्वार्थ हैं। पिछले कुछ सालों से सबसे बड़ी विश्व शक्ति बनने के लिए अमरीका और चीन में प्रतिस्पर्धा...

  • दो व्हेल मछलियों (अमरीका और चीन) में फंसे झींगे की मुश्किल

    कभी जापान और दक्षिण कोरिया एक दूसरे के कट्टर दुश्मन थे। उनके रिश्तों में कड़वाहट के पीछे था अतीत। विशेषकर दक्षिण कोरिया पर जापान के औपनिवेशिक शासन के दौर से विरासत में मिली अनसुलझी समस्याएं। परंतु  अब नए और कहीं ज्यादा बड़े साझा दुश्मन से मुकाबला करने के लिए दोनों देशों ने अपनी पुरानी अदावत को भूलने का फैसला किया है। यह बड़ा साझा दुश्मन है चीन। और पुराने दुश्मनों को गले मिलवाया है अमरीका ने, क्योंकि उसके भी इस क्षेत्र में स्वार्थ हैं। पिछले कुछ सालों से सबसे बड़ी विश्व शक्ति बनने के लिए अमरीका और चीन में प्रतिस्पर्धा...

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