Wrestlers Protest

  • खेल संभावनाओं को धक्का

    पहलवानों में फैली बेबसी की भावना अब सामने आई है। लेकिन यह भावना सिर्फ उन तक ही सीमित नहीं होगी। अनुमान लगाया जा सकता है कि कुछ इलीट स्पोर्ट्स को छोड़कर बाकी पूरे दायरे में लड़कियों में असुरक्षा और बेबसी का भाव और गहरा गया होगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हरियाणा के एक अखाड़े में अचानक पहुंच जाने से पहलवानों की मौजूदा मनोदशा का अंदाजा देश को मिला है। महिला पहलवान विनेश फोगट के अपने खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कारों को लौटाने की घोषणा करने के एक दिन बाद सुबह-सुबह राहुल अखाड़े पर गए। इसके पहले बजरंग पुनिया अपना...

  • बृजभूषण के मामले में आरोपपत्र दायर

    नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज यौन शोषण के मामलों में दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को आरोपपत्र दायर किया। इसके साथ बृजभूषण को एक बड़ी राहत भी मिली। नाबालिग पहलवान की ओर से दायर मुकदमे में पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दायर करके एफआईआर रद्द करने का प्रस्ताव दिया। असल में नाबालिग पहलवान ने पॉक्सो कानून के तहत मुकदमा दर्ज कराने के बाद किसी वजह से अपना बयान बदल दिया था। बहरहाल, दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी सुमन नालवा ने कहा- पॉक्सो मामले में जांच पूरी होने के बाद...

  • पहलवानों को अब इंतजार ही करना है!

    असली मुद्दा तो जस का तस है। पहलवान तो सिर्फ ब्रज भूषण की गिरफ्तारी पर अड़े हैं लेकिन एक बड़ा तबका कह रहा है कि उन्हें शायद घेर घोट कर फंसा लिया गया है। यदि ऐसा है तो अब तक की लड़ाई का कोई मायने नहीं रह जाएगा। आंदोलकारी पहलवानों और सरकार के बीच बढ़ते लाड प्यार को देखते हुए देश के कुश्ती पंडित हैरान नहीं है। कारण, उन्हें मालूम है कि विवाद का कोई स्वीकार्य हल इसलिए संभव नहीं है क्योंकि ब्रज भूषण शरण सिंह पर आरोप अबी साबित कहा है? पहलवानों ने धरना प्रदर्शन, कैंडल मार्च, पार्लियामेंट तक...

  • बृजभूषण के घर गई पुलिस

    नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे यौन शोषण के आरोपों की जांच के सिलसिले में पुलिस एक बार उनके घर पहुंची। इस बार उनके खिलाफ जंतर मंतर पर धरना देने वाली एक महिला पहलवान भी पुलिस के साथ उनके घर गई। पुलिस टीम के साथ महिला पहलवान करीब 15 मिनट तक बृजभूषण के घर पर रहीं। दिल्ली पुलिस एक अधिकारी ने बताया- महिला पहलवान को जांच के लिए ले जाया गया था। उधर ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने कहा- महिला पहलवान पुलिस की...

  • सरकार झुकी, पहलवान माने!

    नई दिल्ली। यौन उत्पीड़न आरोपों पर महिला पहलवानों काआंदोलन थमता लग रहा है। भाजपा अपने सांसद बृजभूषण शरण सिंह से पिंड छुडाते हुए है। खेलमंत्री अनुराग ठाकुर और ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया आदि की बुधवार को कोई छह घंटे बातचीत हुई। बैठक के बाद साक्षी मलिक ने कहा कि हमें इंतजार करने और विरोध स्थगित करने के लिए कहा गया है। उन्होने कहा कि पुलिस 15 जून तक जांच पूरी कर लेगी। तब तक प्रदर्शन स्थगित रहेगा। दिल्ली पुलिस पहलवानों के खिलाफ 28 मई को दर्ज प्राथमिकी भी वापस लेगी।हालांकि बृजभूषण की गिरफ्तारी की खिलाड़ियों...

  • हर विरोध को मोदी सरकार क्यों प्रतिष्ठा का सवाल बनाती?

    लोकतंत्र हर पांच साल पर मतदान करने का नाम नहीं है और कोई भी देश सिर्फ इस आधार पर लोकतांत्रिक नहीं बनता है कि वहां चुनी हुई सरकार चल रही है। कई देशों में चुनी हुई सरकारों की तानाशाही चलती है तो कई देशों में तानाशाह भी चुनाव लड़ कर जीतते हैं। कई लोकतांत्रिक देश भारत की तरह गणतंत्र नहीं हैं लेकिन राजशाही के बावजूद उन देशों में शानदार लोकतंत्र काम करता है। यह जरूर है कि लोकतंत्र स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के सहारे बनता है लेकिन उसके साथ साथ संवैधानिक संस्थाओं और सरकारी एजेंसियों की स्वतंत्रता व निष्पक्षता सुनिश्चित...

  • आंदोलन मैनेज हो गया?

    इस बात को नहीं भुलाया जा सकता कि आरोपी को तुरंत गिरफ्तार ना कर पुलिस ने डर और आशंकाओं का वह माहौल बनने दिया, जिससे उत्पीड़ित पहलवानों का हौसला टूटा। इस रूप में न्याय की भावना के साथ एक तरह का विश्वासघात हुआ है। यौन उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन पर उतरे पहलवान सार्वजनिक रूप से भले यह कह रहे हों कि उनका संघर्ष जारी रहेगा, लेकिन जिस रूप में लगभग डेढ़ महीने तक यह आंदोलन चला, उसके आगे भी जारी रहने की संभावना न्यूनतम है। इस बात के साफ संकेत हैं कि गृह मंत्री अमित शाह इस आंदोलन को मैनेज...

  • महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न और अमित शाह का कानून

    भोपाल। गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी सांसद ब्रज भूषण शरण सिंह को कुश्ती फेडरेशन से हटाने और उनके विरुद्ध मुकदमा चलाने की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे ओलंपिक पदक विजेता महिला पहलवानों से मुलाक़ात कर कह दिया कानून को अपना काम करने दीजिये ! पास्को एक्ट लगने के बाद नाबालिग पहलवान जिसने झारखंड के रांची में नेशनल जूनियर रेस्लिंग चैंपियनशिप में गोल्ड पदक जीतने वाली लड़की को कंधे से नीचे जकड़ कर कहा तुम मुझको सपोर्ट करो मैं तुमको सपोर्ट करूंगा ! तब उस बालिका पहलवान ने जवाब दिया कि मैं अपने बलबूते पर यहां पहुंची हूँ और...

  • पहलवानों ने खत्म नहीं किया है आंदोलन

    नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करने देने की खबरों का पहलवानों ने खंडन किया है। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। असल में शनिवार को पहलवानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उसके बाद सोमवार को खबर आई कि सबने अपनी सरकारी नौकरी ज्वाइन कर ली है। इसके बाद खबर आई कि उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया है। गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर महिला पहलवानों का यौन शोषण करने के आरोपों को...

  • पूर्व राज्यपाल बोले पहलवानों को न्याय यूँ मिलेगा।

    राजनीतिक दांव-पेंच में उलझ चुके किसी अपराधिक मामले का समाधान क्या राजनीति से ही हो सकता है ? सवाल थोड़ा टेडा है, मगर जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को ऐसा ही भरोसा है। वे तो कहते हैं कि लोहे को लोहा काटता है तो राजनीति में उलझा मामला राजनीति से ही सुलझ सकता है। जी अपन बात कर रहे हैं महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों से घिरे भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह की। पिछले एक महीने से पीड़ित पहलवान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वे गली- गली में शोर कर रहे हैं कि ब्रजभूषण सिंह को इस...

  • आंदोलन कर रहे पहलवान शाह से मिले

    नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन शोषण करने के आरोप लगाने और आंदोलन करने वाले तीन पहलवानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि ओलंपिक पदक जीतने वाली साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ साथ विनेश फोगाट ने अमित शाह से मुलाकात की है। यह मुलाकात शनिवार देर रात करीब 11 बजे हुई और शाह के निवास पर करीब दो घंटे तक चली। गौरतलब है कि इससे पहले किसानों और खाप पंचायतों की तरफ से...

  • सरकार की यह कैसी नैतिकता?

    पहलवान यौन उत्पीड़न का मामला सियासत का नहीं है। यह एक के जघन्य अपराध का मामला है। इस तरह इस मामले में जिन पर भी आंच आई है, उनकी नैतिक साख का क्षरण लाजिमी है। यह बात बेहिचक कही जा सकती है कि नरेंद्र मोदी के बतौर प्रधानमंत्री नौ साल के कार्यकाल में उनकी सरकार की नैतिक साख का जितना क्षरण पहलवान यौन उत्पीड़न मामले में हुआ है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। इस दौरान राफेल और अडानी जैसे मामलों में सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। चीन से विवाद के क्रम में सरकार की नाकामियां खूब चर्चित हुईं।...

  • खेल बिरादरी में भारत की फजीहत!

    अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने भी पीटी उषा की अध्यक्षता वाली भारतीय ओलम्पिक समिति से पहलवानों की सुरक्षा और उन्हें न्याय देने का आह्ववान किया है और यदि कहीं चूक हुई तो भारत को ओलम्पिक बिरादरी माफ़ नहीं करने वाली। फिर से जगत गुरु बनने की ओर अग्रसर भारत को अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि पहलवानों की समस्या को शीघ्र निपटाएं और समय रहते फेडरेशन के चुनाव कराएं वरना भारत को कड़े प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। उधर अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने भी पीटी उषा की अध्यक्षता वाली भारतीय...

  • पहलवानों के आंदोलन से भाजपा क्यों बेपरवाह?

    ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता पहलवानों के आंदोलन की परवाह नहीं कर रहे हैं। यह ठीक उसी तरह है, जैसे किसानों के आंदोलन के समय हुआ था। भाजपा ने एक साल तक किसान आंदोलन की कोई परवाह नहीं की। एक साल के बाद हालांकि प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए लेकिन उसके अलावा किसानों से किया गया कोई वादा पूरा नहीं किया। एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने के मामले में सरकार ने कोई पहल नहीं की है। भाजपा के नेता मानते हैं कि किसान आंदोलन का कोई राजनीतिक नुकसान उनको नहीं हुआ।...

  • टूटती सहमतियां, बंटती धारणाएं

    प्रधानमंत्री ने 28 मई के दिन को गर्व का दिवस बताया, वहीं विपक्षी नेताओं ने इसका चित्रण लोकतंत्र के अभाव की पुष्टि करने वाले दिन के रूप में किया। कुछ टिप्पणियों में इन घटनाओं को लोक और तंत्र के पूरे संबंध विच्छेद का प्रतीक बताया गया। नई दिल्ली रविवार को दो तरह की कहानियां का गवाह बना। एक तरफ भव्यता और कुछ बड़ा हासिल कर लेने के गर्व का नजारा था। तो वहीं सड़कों पर कभी पूरे देश के गर्व का कारण बने चेहरे पुलिस के डंडों के तले जमीन पर लेटे और फिर पुलिस की हिरासत में नजर आए।...

  • जंतर मंतर पर रामलीला मैदान की कहानी!

    ठीक 12 साल पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव का काले धन को लेकर तत्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहा था। चार जून 2011 की आधी रात को दिल्ली पुलिस ने पिंडारियों के गिरोह की तरह रामलीला मैदान पर हमला बोला था और आंदोलनकारियों पर लाठियां बरसाई थीं। रामदेव को महिलाओं के कपड़े पहन कर भागना पड़ा था। पुलिस कार्रवाई के बाद की रामलीला मैदान की तस्वीर हृदय विदारक थी। चारों तरफ लोगों के जूते-चप्पल, कपड़े, बैग्स बिखरे पड़े थे और पूरा पंडाल टूटा पड़ा था। उस घटना के 12 साल पूरे होने से छह...

  • धरना खत्म, पहलवान वापस लौटे

    नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूष शरण सिंह के खिलाफ 38 दिन तक धरना देने के बाद पहलवान वापस अपने घर लौट गए हैं। दिल्ली पुलिस ने रविवार को एक बड़ी कार्रवाई में प्रदर्शनकारी पहलवानों को हिरासत में लिया और उसके बाद उनके तंबू-कनात उखाड़ कर वहां से धरना खत्म कर दिया। कई पहलवान रविवार को देर रात छोड़े गए और उसके बाद सोमवार को उनको फिर धरने की इजाजत नहीं मिली। वे सोमवार को वापस अपने घर लौट गए। हालांकि उन्होंने कहा कि उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। गौरतलब है कि भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप...

  • अन्यायी को हराने के बाद पदक जीतेंगे

    पहलवानों को इस बात का दुःख है कि देश के खेल प्रेमी प्रधान मंत्री ने एक बार भी हमारे बारे में दो शब्द नहीं कहे। बस इतना ही कह देते, "बच्चियों के साथ न्याय होना चाहिए।" उनके अनुसार राजनीति कौन कर रहा है पूरा देश जानता है लेकिन आगे बढे हुए कदम पीछे नहीं हटने वाले फिर चाहे कितनी भी बड़ी क़ुरबानी क्यों न देनी पड़ जाए। 'जो लोग हमारे आंदोलन और सत्य की लड़ाई को कमज़ोर करने की साजिश रच रहे हैं वे एक बात साफ़ साफ़ जान लें कि हम टस से मस नहीं होने वाले फिर चाहे...

  • जंतर-मंतर का अखाड़ा

    भाजपा नेतृत्व ने अगर बिल्कुल अल्पकालिक नजरिया अपना रखा हो, तो बात दीगर है। वरना, अगर पार्टी के अंदर किसी को अपने दीर्घकालिक भविष्य की चिंता है, तो उसे जंतर-मंतर से उठ रही आवाजों पर अवश्य ध्याना देना चाहिए।      पहलवानी के अंतरराष्ट्रीय अखाड़ों में भारत का नाम रोशन कर चुके पहलवानों को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर अखाड़ा लगाना पड़ा, क्योंकि उनकी एक साधारण-सी मांग आज के सत्ता प्रतिष्ठान को मंजूर नहीं है। लेकिन देखते-देखते अब यह सिर्फ उनका अखाड़ा नहीं रह गया है। इस पर सत्ता पक्ष की तरफ से शिकायत जताई जा रही है कि पहलवानों के मुद्दे...

  • दंभ, तथ्य और सत्य का खेला

    आज राज की नीति हो, लोकप्रियता का क्रिकेट हो या मशक्कत भरी कुश्ती हो, सभी खेल सत्ता के दंभ में दबे दिखते है। खेलों की लोकप्रियता सत्ता को भी प्रिय और उसका मोहरा हो जाती है। जनसेवक जब खेल की सेवा करने का दावा करते हैं तो उनका आशय सिर्फ खेल की सत्ता से सत्ता का खेल खेलना भर होता है। वहीं जब खिलाड़ी खेल की सेवा करने उतरते है तो उनका आशय अपनी लोकप्रियता और धन से सत्ता की सेवा में लगने का रह जाता हैं। आखिर ये सब बेवजह का दंभ क्यों दर्शाते हैं? सत्ता का दंभ अक्सर...

और लोड करें