Tuesday

08-07-2025 Vol 19

अजीत द्विवेदी

संवाददाता/स्तंभकार/ वरिष्ठ संपादक जनसत्ता’ में प्रशिक्षु पत्रकार से पत्रकारिता शुरू करके अजीत द्विवेदी भास्कर, हिंदी चैनल ‘इंडिया न्यूज’ में सहायक संपादक और टीवी चैनल को लॉंच करने वाली टीम में अंहम दायित्व संभाले। संपादक हरिशंकर व्यास के संसर्ग में पत्रकारिता में उनके हर प्रयोग में शामिल और साक्षी। हिंदी की पहली कंप्यूटर पत्रिका ‘कंप्यूटर संचार सूचना’, टीवी के पहले आर्थिक कार्यक्रम ‘कारोबारनामा’, हिंदी के बहुभाषी पोर्टल ‘नेटजाल डॉटकॉम’, ईटीवी के ‘सेंट्रल हॉल’ और फिर लगातार ‘नया इंडिया’ नियमित राजनैतिक कॉलम और रिपोर्टिंग-लेखन व संपादन की बहुआयामी भूमिका।

भू-राजनीतिक तनाव में फंसी भारत की आर्थिकी

रूस और यूक्रेन की जंग की ही तरह इजराइल और हमास की लड़ाई लंबी चलती है और इसका दायरा बढ़ता है तो इसका असर पूरी दुनिया के साथ साथ...

आरक्षण की आग में जलता महाराष्ट्र

लोकसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की आग लगी है। मराठा नेता मरोज जरांगे पाटिल शुक्रवार यानी 27 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर हैं।

दिल्ली से दोहा- भारत की परीक्षा!

अगर एक बार इस तरह की घटना हो गई तो फिर पूरी दुनिया में रह रहे करोड़ों भारतीयों का जीवन खतरे में आएगा। खाड़ी के मुस्लिम देशों में ही...

चंदे का स्रोत नागरिकों को जरूर बताया जाए

सोचें, यह कितनी हैरानी की बात है। राजनीतिक दलों का चंदा कौन सा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है, जो उसके बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी...

दिल्ली से दोहा- भारत की परीक्षा!

कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा हुई है। कतर की निचली अदालत ने क्या आरोप तय किए हैं और किस आरोप में फांसी...

रामलला वही विराजेंगे और तब चुनाव होगा!

अयोध्या में बन रहे भव्य राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि आधिकारिक रूप से निर्धारित हो गई।

चंद्रयान-तीन और उड़ने वाले रथ की कहानियां!

चंद्रयान-तीन का चंद्रमा पर और खासतौर से उसके दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतरना निःसंदेह भारत के वैज्ञानिकों की बड़ी उपलब्धि है।

महुआ ने विपक्ष का बड़ा नुकसान किया!

महुआ के ऊपर जो आरोप लगे हैं उन्हें तृणमूल कांग्रेस के बचाव के लायक नहीं मान रही है।

क्या विपक्षी गठबंधन में सब ठीक है?

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का जो विवाद अभी दिख रहा है उस आधार पर किसी नतीजे पर पहुंचने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

भाजपा जूनियर पार्टनर नहीं रहना चाहती

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार में पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कहा कि भाजपा अब किसी भी नेता को कंधे पर नहीं बैठाएगी।

समलैंगिक शादी का अभी समय नहीं आया है!

जजों ने स्पेशल मैरिज एक्ट को संवैधानिक माना है और इस समुदाय के अधिकारों के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बना कर विचार करने को कहा है।

आप पर मुकदमा हुआ तो क्या होगा?

सीबीआई और ईडी दोनों एजेंसियों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वो दिल्ली के शराब नीति घोटाले में आम आदमी पार्टी पर भी मुकदमा करने के बारे में...

लोकसभा के चुनावी मुद्दों की परीक्षा

पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव किसी भी राज्य के सामान्य चुनाव की तरह नहीं है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहे इन चुनावों में ऐसे मुद्दों या ऐसे...

इस ओबीसी प्रेम की हकीकत क्या है?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का इन दिनों अन्य पिछड़ी जातियों पर प्रेम उमड़ा है। वे हर जगह जाकर पूछ रहे हैं कि पिछड़ी जातियों की आबादी कितनी है और...

मुफ्त की रेवड़ी पर रोक की जरूरत

चुनावों से पहले मुफ्त में वस्तुएं और सेवाएं बांटने की घोषणाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हिचक के साथ ही सही लेकिन एक पहल की है।

क्षेत्रीय पार्टियां क्या खत्म हो सकती हैं?

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्षेत्रीय पार्टियों का क्या भविष्य होगा? क्या वे खत्म हो जाएंगी या अब...

पांच राज्यों के चुनाव क्यों खास, अंहम?

चुनाव आयोग ने पांच राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी है।

केजरीवाल के लिए गंभीर समस्या

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हर मुश्किल को मौका बनाने में माहिर नेता हैं। लेकिन शराब नीति का घोटाला उनके गले की...

महिला सशक्तिकरण और आरक्षण में फर्क है

संसद के विशेष सत्र में दोनों सदनों से पास होने के बाद महिला आरक्षण बिल, जिसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया गया है उस पर राष्ट्रपति के भी...

जाति गणना से बदलेगी राजनीति

जातियों की गणना से जो नया नैरेटिव बनेगा उसका सबसे बड़ा असर बिहार में होगा क्योंकि बिहार में पिछड़ी जातियों की आबादी 63 फीसदी से ज्यादा है

एक साथ चुनाव का बनता फॉर्मूला?

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की पहली बैठक में तय किया गया कि एक देश, एक चुनाव के सवाल पर राजनीतिक दलों की राय ली जाएगी...

न्यायपालिका का सकारात्मक हस्तक्षेप

सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है कि सात सदस्यों की एक संविधान पीठ इस बात पर विचार करेगी कि सदन के अंदर रिश्वत लेने पर सांसद या विधायक को...

सांसदों को विधायकी लड़ाने पर सवाल

पहले भी ऐसा होता था लेकिन वह अपवाद था कि सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़ाया जाए। अब भारतीय जनता पार्टी ने इस अपवाद को नियम बना दिया है।

मेडिकल पढ़ाई की गुणवत्ता क्या रह गई?

सर्वाधिक गिरावट शिक्षा के क्षेत्र में दिख रही है। केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की है, जिसके असर का अंदाजा आने वाले समय में लगेगा लेकिन अभी...

‘इंडिया’ के सामने ओबीसी वोट की चुनौती

विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ के सामने सबसे बड़ी चुनौती अन्य पिछड़ी जातियों यानी ओबीसी का वोट वापस हासिल करने की है।

विपक्षी गठबंधन का तालमेल बिगड़ा है

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में अभी तक सब कुछ तय योजना के तहत होता दिख रहा था। एकदम परफेक्ट कोऑर्डिनेशन था और अगर थोड़ी-बहुत खींचतान थी तो पार्टियां उसे सामने...

महिला आरक्षण और पार्टियों की हिप्पोक्रेसी

यह लाख टके का सवाल है कि क्या लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को कभी सचमुच आरक्षण मिल पाएगा? आबादी के अनुपात में आधी न सही लेकिन एक-तिहाई सीटें...

अपने गिरेबान में झांकने का समय!

विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ की मीडिया कमेटी ने मुख्यधारा के खबरिया चैनलों से जुड़े 14 एंकर्स के साथ ‘असहयोग’ का ऐलान किया है।

चुनाव आयोग की साख का क्या होगा?

प्रधानमंत्री से लेकर अनेक बड़े सत्तारूढ़ नेताओं के खिलाफ आई शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की उलटे कार्रवाई का दबाव डालने वाले आयुक्त सरकारी एजेंसियों की कार्रवाई का शिकार...

अगले चुनाव में संस्कृतियों का संघर्ष भी!

2024 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक मुद्दों से इतर संस्कृति, भाषा, पंरपरा, खान-पान और मान्यताओं से जुड़े मुद्दे भी मुख्य भूमिका में होंगे।

नागरिकों का प्रजा में बदल जाना

लोकतंत्र में नागरिक होते हैं, जिनको संविधान से अधिकार मिले होते हैं और शासक उनकी जनरल विल यानी सामान्य इच्छा का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि सामंती व्यवस्था में प्रजा...

अस्तित्व की चिंता में अकेले देवगौड़ा की नहीं

उनकी यह चिंता जायज है कि अलग रहे तो भाजपा या कांग्रेस उनकी पार्टी और वोट बैंक दोनों को समाप्त कर देंगे।  

जी-20 का डंका बजता रहेगा

अभी तक भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने और उसके आयोजन की तैयारियों को लेकर जय-जयकार हो रही थी लेकिन अब सफल आयोजन का डंका बजेगा।

‘इंडिया’ की राजनीति का जवाब भारत से

हम ऐसे समय में रह रहे हैं, जब सब कुछ राजनीति से, राजनीति के लिए और राजनीति द्वारा संचालित है। हर विचार, विमर्श और घटना के केंद्र में राजनीति...

सनातन विरोध की राजनीति के लिए देश तैयार नहीं

तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए बयान के विरोध का दायरा बढ़ रहा है। हालांकि अभी तक इसे सिर्फ धर्म के एकांगी दृष्टिकोण से...

सिर्फ बातों से तो नहीं हारेगी भाजपा

यह हकीकत है कि विपक्षी नेताओं की भाजपा को हराने की सदिच्छा तभी पूरी होगी, जब भाजपा का वोट कम होगा।

एक साथ चुनाव की मुश्किलें

देश के सारे चुनाव एक साथ कराने का विचार अच्छा है और बहुत पुराना भी है। लेकिन सिर्फ विचार अच्छा होने से जरूरी नहीं है कि वह व्यावहारिक भी...

महंगाई अब स्थायी, बढ़ती रहेगी!

वित्त मंत्री ने पहले ही अपना दांव चलते हुए कहा कि नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की प्रक्रिया प्रभावित होगी यानी विकास दर...

विपक्ष सोशल मीडिया से बचे, रियलिटी बूझे

सोशल मीडिया में सक्रिय हर व्यक्ति टिटहरी की तरह उलटा लटका है और समझ रहा है कि आसमान उसने थाम रखा है।

अगला चुनाव जाति के मुद्दे पर?

नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे तब चुनाव लगभग पूरी तरह से सत्ता विरोधी लहर पर लड़ा गया था। भाजपा...

2024 में चुनावी मुकाबला नजदीकी का

सी-वोटर के सर्वेक्षण के मुताबिक एनडीए को एक बार फिर तीन सौ से ज्यादा सीटें मिलेंगी और भाजपा अकेले पूर्ण बहुमत हासिल करेगी।

‘मुफ्त की रेवड़ी’ पर राज्यों में चुनाव

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बार के चुनाव की खास बात यह है कि राज्यों में चुनाव ‘मुफ्त की रेवड़ी’ यानी कथित कल्याणकारी योजनाओं पर...

नए कानून क्या न्याय की गारंटी होंगे?

भारतीय दंड संहिता की जगह अब भारतीय न्याय संहिता लागू की जाएगी। अपराध प्रक्रिया संहिता की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू होगी और साक्ष्य कानून की जगह...

नए संविधान की बात पर विवाद क्यों?

जैसे ही संविधान समीक्षा या उस पर विचार करने या नया संविधान बनाने की बात होती है वैसे ही विवाद शुरू हो जाता है।

कुल मिलाकर खड़गे की टीम अच्छी

इस साल के विधानसभा चुनावों के अलावा अगले साल के लोकसभा चुनाव और कांग्रेस संगठन की मजबूती को ध्यान में रखते हुए भी खड़गे ने नए और पुराने सदस्यों...

चुनाव आयोग का निष्पक्ष दिखना भी जरूरी

पहले भी चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति केंद्र सरकार करती थी और नए बिल के कानून बन जाने के बाद भी नियुक्ति का अधिकार सरकार के हाथ में ही रहेगी।

मोदी के आत्मविश्वास का कारण क्या है?

मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर ऐलान किया कि अगले साल वे फिर लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे और अपनी उपलब्धियों का ब्योरा पेश करेंगे।

हम आजादी में जी रहे या पाबंदियों में?

सवाल है कि सकारात्मक आजादी के सिद्धांत के तहत नागरिकों पर कितनी पाबंदियां हो सकती हैं? यह एक सार्वभौमिक और शाश्वत प्रश्न है।