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28-06-2025 Vol 19

हाइफ़न लौट आया है

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india pakistan ceasefire : पश्चिमी देशों की प्रतिक्रियाओं में कहीं भी आतंकवाद के प्रायोजक (पाकिस्तान) और आतंकवाद से पीड़ित (भारत) के बीच फर्क नहीं दिखता। भारतीय विदेश नीति के कर्ता-धर्ताओं को इस सवाल पर जरूर आत्म-मंथन करना चाहिए कि उन देशों का रुख क्यों बदल गया है?

एक समय हाइफ़न लगा कर भारत और पाकिस्तान का एक स्वर में जिक्र करना अमेरिका की नीति का हिस्सा था। भारतीय कूटनीति के अथक प्रयास से इसमें बदलाव आया। उसके पीछे बड़ा योगदान एक-ध्रुवीय दुनिया बनने से वैश्विक समीकरणों में आए बदलावों का था।

साथ ही आतंकवाद को अपनी रणनीति बना कर पाकिस्तान ने जो बदनामी कमाई, उसकी भूमिका भी इसमें रही। दूसरी तरफ अपने अपेक्षाकृत अधिक स्थिर, खुले एवं लोकतांत्रिक समाज के साथ आर्थिक विकास की सीढ़ियां चढ़ते हुए भारत ने अपनी बेहतर पहचान बनाई थी।

तो आखिरकार पश्चिमी नीतिकारों को भी यह समझ में आया कि इन दोनों देशों को एक पलड़े पर रखना उनके अपने फायदे में भी नहीं है।(india pakistan ceasefire)

india pakistan ceasefire भारत के लिए बड़ी चुनौती

इसीलिए पहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के क्रम में जिस तरह पश्चिमी नेताओं ने दोनों देशों को एक जैसी सलाह दी तथा एक स्वर में दोनों का जिक्र किया, वह चिंताजनक है।

इस क्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की यह टिप्पणी उल्लेखनीय है कि ये दोनों देश “हजारों साल से” लड़ रहे हैं और अपना मसला हल कर लेंगे। अब उससे आगे बढ़ते हुए उनके प्रशासन ने इस विवाद में मध्यस्थता करने का इरादा जता दिया है। (india pakistan ceasefire)

इन प्रतिक्रियाओं में कहीं भी आतंकवाद के प्रायोजक (पाकिस्तान) और आतंकवाद से पीड़ित (भारत) के बीच फर्क नहीं दिखता। उलटे ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ-साथ पाकिस्तान को भी एक महान देश बताया है और उसके नेतृत्व की शक्ति एवं बुद्धि-कौशल की भी तारीफ की है।

मतलब साफ है। अमेरिकी रणनीति में भारत की अहमियत तो है, लेकिन उसे पाकिस्तान भी महत्त्वपूर्ण लगता है। बाकी पश्चिमी देशों की नीति कमोबेस अमेरिकी रुख से प्रभावित रहती है। (india pakistan ceasefire)

इसलिए ताजा संकट के दौरान उन देशों ने आतंकवाद से पीड़ित देश का समर्थन करने के बजाय अपने रुख में एक तरह की समतुल्यता बरकरार रखी है। यह भारत के लिए बड़ी चुनौती है।

भारतीय विदेश नीति के कर्ता-धर्ताओं को इस सवाल पर जरूर आत्म-मंथन करना चाहिए कि ये स्थिति क्यों आई? 9/11 और खासकर 2008 के परमाणु करार के बाद भारत के पक्ष में झुकी पश्चिम की नीति क्यों बदल गई है? (india pakistan ceasefire)

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pic credit- ANI 

NI Editorial

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