nayaindia covishield controversy अधिक गंभीर चर्चा चाहिए

अधिक गंभीर चर्चा चाहिए

कई देशों की तरह भारत में भी बीते दो साल में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। शक जताया गया है कि इनमें से कुछ मौतों के लिए कोविड वैक्सीन जिम्मेदार हैं। अब ऐसे संदेहों को बल मिलेगा।

यह खबर दिलचस्प है कि कोविड-19 की कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों की पुष्टि होने के तुरंत बाद कोविन वेबसाइट पर मौजूद टीका प्रमाणपत्रों पर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो गायब हो गया। पहले सोशल मीडिया पर ये बात चर्चित हुई। फिर अखबारों ने भी इसकी पुष्टि की। संभवतः अब वैक्सीन को लेकर फैलीं आशंकाओं के कारण प्रधानमंत्री को उन प्रमाणपत्रों पर अपना फोटो होना सियासी तौर पर नुकसान का सौदा मालूम पड़ा होगा। जबकि कोविड टीकाकरण को अब तक वर्तमान सरकार अपनी बड़ी कामयाबी के रूप में प्रचारित करती रही है।

जबकि अपेक्षित यह था कि इस मामले पर आरंभ से ही राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश नहीं होती। यह सच है कि उन दिनों फैले भय के बीच लोग किसी भी तरह कोविड से बचाव के लिए बेसब्र थे। इसका फायदा दवा कंपनियों ने उठाया। उन्होंने बिना पूरी सुरक्षा जांच किए कोविड वैक्सीन बाजार में उतार दी और असाधारण मुनाफा कमाया। जबकि तजुर्बा यह है कि वैक्सीन का विकास वर्षों, बल्कि दशकों तक चलने वाली प्रक्रिया से होता है। बहरहाल, कोविड महामारी का समय एक असामान्य दौर था। उसके गुजरने के बाद कंपनियों ने जो असावधानियां बरतीं, वे उजागर हुई हैँ।

फाइजर, मोडेरना, और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियों के वैक्सीन के दुष्प्रभाव की पहले ही पुष्टि हो चुकी है। अब एंग्लो-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की एक अदालत में स्वीकार किया है कि उसकी कोविशील्ड वैक्सीन से ‘अति दुर्लभ मामलों में’ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम की शिकायत हो सकती है। उसके चलते शरीर में खून में थक्के बनने लगते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या भी गिर जाती है। डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे थक्कों के कारण पक्षाघात और दिल का दौरा पड़ने जैसी गंभीर स्थितियां पैदा हो सकती हैं। दरअसल, कई देशों की तरह भारत में भी बीते दो साल में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। शक जताया गया है कि इनमें से कुछ मौतों के लिए कोविड वैक्सीन जिम्मेदार हैं। अब ऐसे संदेहों को बल मिलेगा। इसलिए जरूरत सतही सियासत के बजाय इस प्रकरण पर अधिक गंभीर चर्चा और सबक लेने की है। दवा कंपनियों का उत्तरदायित्व तो बेशक तय होना चाहिए।

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