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यही तो समस्या है

पिछले वित्त वर्ष में टेलीकॉम, एयरलाइन्स, सीमेंट, स्टील, टायर आदि जैसे उद्योगों में केंद्रीकरण तेजी बढ़ा। कोरोबार जगत के अधिकांश क्षेत्रों में गुजरे दस साल में सामान्यतः दो ऐसी कंपनियां उभरी हैं, जिनके राजस्व में तेजी से इजाफा हुआ है।

भारत में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान विभिन्न कारोबारों में बाजार केंद्रीकरण और बढ़ा। यह तथ्य खुद बाजार की एक एजेंसी के पैमाने से सामने आया है। बाजार केंद्रीकरण का मतलब है कि उद्योग के किसी विशेष क्षेत्र में एक या कुछ गिनी-चुनी कंपनियों का पूरा नियंत्रण होना। सामान्य भाषा में इसे मोनोपॉली या ओलिगोपोली कायम होना कहते हैँ। हरफाइनडहल हर्शमैन इंडेक्स (एचएचआई) विभिन्न देशों में बाजार केंद्रीकरण की स्थिति को मापने का मान्य सूचकांक है। इसकी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में टेलीकॉम, एयरलाइन्स, सीमेंट, स्टील, टायर आदि जैसे उद्योगों में केंद्रीकरण तेजी बढ़ा। सिर्फ पेंट्स कारोबार ऐसा क्षेत्र रहा, जिसमें पहले से ज्यादा प्रतिस्पर्धी कंपनियां उभरीं। इस कारण इसमें केंद्रीकरण घटा। इस परिघटना का क्या असर होता है, इसका एक उदाहरण हाल ही में देखने को मिला, जब टेलीकॉम कंपनियों ने मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाओं की कीमत में औसतन 20 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी। एचएचआई से सामने आया है कि कारोबार जगत के अधिकांश क्षेत्रों में गुजरे दस साल में मोटे तौर पर दो ऐसी कंपनियां उभरी हैं, जिनके राजस्व में तेजी से इजाफा हुआ है। मसलन, एयरलाइन्स सेक्टर के कुल राजस्व में 2013-14 में दो सबसे बड़ी कंपनियों का हिस्सा 53.1 प्रतिशत था, जो गुजरे वित्त वर्ष में 92.6 फीसदी तक पहुंच गया। स्टील सेक्टर में तो यह आंकड़ा 44.5 प्रतिशत से 92.6 फीसदी तक पहुंचा है। जब मोनोपॉली या ओलिगोपॉली कायम हो जाए, तब राजस्व बढ़ने का कारण हमेशा अधिक कारोबार नहीं होता है। बल्कि उस स्थिति में संबंधित कंपनी या कंपनियों के गुट मनमाने ढंग से कीमत या शुल्क बढ़ाते हैं। चूंकि उनकी प्रतिस्पर्धा में कोई और नहीं होता, इसलिए उपभोक्ता यह रकम चुकाने को मजबूर बने रहते हैं। कुछ समय पहले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपनी एक अनुसंधान रिपोर्ट में बताया था कि भारत में कोरोना महामारी के बाद बढ़ी महंगाई का मुख्य कारण मनमाने ढंग से कीमत बढ़ाने का बढ़ा चलन ही है। यानी महंगाई आपूर्ति में कमी या अत्यधिक मांग की वजह से नहीं बढ़ी है। अब एचएचआई ने बताया है कि समस्या की जड़ कहां है।

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By NI Editorial

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