उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में रविवार सुबह घटी एक भयावह हेलीकॉप्टर दुर्घटना ने एक बार फिर देवभूमि को शोक में डुबो दिया। यह हादसा उस वक्त हुआ जब श्रद्धालुओं को लेकर एक हेलीकॉप्टर केदारनाथ मंदिर से गौरीकुंड के लिए रवाना हुआ था।
सुबह करीब 5:20 बजे घने कोहरे और खराब मौसम के बीच हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें पायलट समेत सभी 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और गुजरात के श्रद्धालु शामिल थे, जिनमें एक दो साल का मासूम बच्चा भी था। पायलट राजवीर सिंह चौहान राजस्थान के जयपुर निवासी थे।
इस हृदयविदारक हादसे के बाद प्रशासन ने तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए। NDRF और SDRF की टीमें घटनास्थल की ओर रवाना की गईं। हादसे के कारणों की जांच जारी है, लेकिन प्रारंभिक अनुमान खराब मौसम और दृश्यता की कमी को जिम्मेदार मानते हैं।
चारधाम यात्रा पर अस्थायी रोक
रविवार सुबह करीब 5:20 बजे उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के पास गौरीकुंड क्षेत्र में एक बड़ा हादसा हुआ। श्रद्धालुओं को लेकर जा रहा एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें पायलट समेत सभी 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों में महाराष्ट्र का एक 2 साल का मासूम बच्चा भी शामिल है। यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ मंदिर से गौरीकुंड की ओर उड़ान भर रहा था और यह आर्यन एविएशन कंपनी का था।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि घटना के समय घाटी में घना कोहरा और बादल छाए हुए थे, जिससे दृश्यता बेहद कम थी। इसके बावजूद हेलिकॉप्टर को उड़ाया गया, जो हादसे का कारण बन सकता है।
इस दुर्घटना के बाद चारधाम यात्रा में हेलिकॉप्टर सेवाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि हेली सेवाओं के संचालन को लेकर अब सख्त नियम लागू किए जाएंगे। इसमें तकनीकी जांच के साथ-साथ मौसम की सटीक जानकारी अनिवार्य रूप से ली जाएगी।
इसी बीच, जंगलचट्टी के पास खड्ड में मलबा और पत्थर गिरने से केदारनाथ धाम को जाने वाला पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे एक श्रद्धालु की मौत हो गई। इसके चलते सोनप्रयाग से केदारनाथ जाने वाला रूट अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।
फिलहाल, पैदल मार्ग से यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन सतर्क है और जो यात्री पहले से मार्ग पर हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है।
थमी यात्रा, लेकिन नहीं टूटी श्रद्धा
इस दुर्घटना के बाद UCADA और DGCA ने एहतियातन चारधाम यात्रा के अंतर्गत सभी हेलीकॉप्टर सेवाएं तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी हैं। साथ ही, मौसम की मार से केदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग पर भी भूस्खलन और मलबा गिरने जैसी घटनाएं हुईं, जिसमें एक अन्य श्रद्धालु की मौत हो गई। इस वजह से प्रशासन ने चारधाम यात्रा को पूरी तरह अस्थायी रूप से रोक दिया है।
यह पहली बार नहीं है जब केदारनाथ धाम में इस तरह की दुर्घटनाएं हुई हैं। बीते वर्षों में भी कई बार हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं ने श्रद्धालुओं की जान ली है। इसके बावजूद लोगों की आस्था डगमगाई नहीं है।
हर साल लाखों श्रद्धालु जोखिम उठाकर भी बाबा केदार के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। लेकिन इस बार की घटना ने श्रद्धालुओं, स्थानीय प्रशासन और पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
अब सभी की निगाहें मौसम विभाग, प्रशासनिक निर्णयों और हेलीकॉप्टर सेवा की समीक्षा रिपोर्ट पर टिकी हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर निर्णय और ठोस कदम उठाना अब समय की मांग है। तब तक, केदारनाथ और चारधाम यात्रा को अगले आदेश तक स्थगित रखा जाएगा।
हेलिकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वालों की जानकारी
1. पायलट राजवीर सिंह (जयपुर, राजस्थान) 2. विक्रम सिंह रावत (ऊखीमठ, उत्तराखंड) 3. विनोद देवी (उत्तर प्रदेश) 4. तृष्टि सिंह (उत्तर प्रदेश) 5. राजकुमार सुरेश (गुजरात) 6. श्रद्धा राजकुमार जायसवाल (महाराष्ट्र) 7. काशी (महाराष्ट्र)
केदारनाथ लौटते समय हुआ हेलिकॉप्टर हादसा
रविवार सुबह केदारनाथ धाम से लौटते समय एक बड़ा हादसा हुआ जब श्रद्धालुओं को ले जा रहा हेलिकॉप्टर गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलिकॉप्टर में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के दो-दो यात्री सवार थे, जबकि उत्तराखंड और गुजरात से एक-एक यात्री मौजूद था। पायलट राजवीर सिंह चौहान जयपुर, राजस्थान के निवासी थे।
हादसे के तुरंत बाद गौरीकुंड से NDRF और SDRF की टीमें मौके पर भेजी गईं। IG गढ़वाल राजीव स्वरूप के अनुसार, शव बुरी तरह से जल चुके हैं, जिससे पहचान करना मुश्किल हो रहा है। मृतकों की शिनाख्त के लिए अब DNA टेस्ट कराया जाएगा, जिसके बाद ही शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम हादसे पर शोक जताते हुए कहा, “रुद्रप्रयाग में हेलिकॉप्टर दुर्घटना की दुखद खबर मिली है। राहत-बचाव कार्य में SDRF, स्थानीय प्रशासन और अन्य टीमें लगी हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी सुरक्षित हों।”
पैदल यात्रा भी रोकी गई
हादसे के कुछ समय बाद जंगलचट्टी के पास गधेरे में भारी मलबा और पत्थर गिरने से केदारनाथ धाम को जाने वाला पैदल मार्ग भी बाधित हो गया। इसके बाद प्रशासन ने सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक की यात्रा को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया है।
रुद्रप्रयाग पुलिस ने यात्रियों से अपील की है कि वे जहां हैं वहीं नजदीकी सुरक्षित स्थान पर चले जाएं और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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