उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने केदारनाथ धाम की यात्रा पर संकट खड़ा कर दिया था। गौरीकुंड और रामबाड़ा के बीच जंगलचट्टी के पास एक बरसाती नाले में आए मलबे और बड़े-बड़े पत्थरों के कारण केदारनाथ जाने वाला पैदल मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया।
रविवार को इसी रास्ते में मलबा आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि दो अन्य घायल हो गए थे। हादसे के बाद प्रशासन ने एहतियातन सोनप्रयाग से आगे की यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया था।
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल राहत कार्य शुरू किए और एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमों को मौके पर भेजा गया। मलबा हटाने के बाद मार्ग को साफ किया गया और सोमवार सुबह से केदारनाथ यात्रा को दोबारा शुरू कर दिया गया है।
यात्रियों से अपील की गई है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें और खराब मौसम में यात्रा करने से बचें। हालांकि यात्रा फिर से बहाल कर दी गई है, लेकिन मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए प्रशासन लगातार निगरानी बनाए हुए है।
केदारनाथ यात्रा फिर शुरू
रुद्रप्रयाग जिले में बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश के कारण केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा था। रविवार शाम को जब मौसम में थोड़ी राहत मिली, तब जिला प्रशासन और संबंधित एजेंसियों ने तुरंत प्रभाव से यात्रा मार्ग को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया।
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक के पैदल मार्ग पर जगह-जगह भारी मलबा और पत्थर जमा हो गया था, जिसे हटाने में पूरी रात मेहनत की गई।
सोमवार सुबह मौसम साफ होते ही सभी बाधित मार्गों को पूरी तरह से दुरुस्त कर दिया गया और इसके बाद केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा को पुनः शुरू कर दिया गया। श्रद्धालुओं के लिए रास्ता पूरी तरह से सुरक्षित और सुचारु बनाया गया है।
हालांकि, उत्तराखंड मौसम विभाग ने आगामी कुछ दिनों के लिए पुनः बारिश की संभावना जताई है। विभाग ने पूरे रुद्रप्रयाग जिले और विशेष रूप से केदारनाथ क्षेत्र में येलो अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब है कि क्षेत्र में अचानक तेज बारिश, पहाड़ी ढलानों से पत्थर गिरने और मलबा आने की संभावना बनी हुई है।
लेकिन बारिश का खतरा बरकरार
प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लें और यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की स्थिति की जानकारी जरूर प्राप्त करें। अचानक बदलते मौसम और वर्षा के कारण यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे स्थानीय अधिकारियों से संपर्क में रहें, मौसम से संबंधित अपडेट्स पर नजर रखें और अत्यधिक बारिश की स्थिति में जोखिम न उठाते हुए सुरक्षित स्थानों पर रुकें। प्रशासन का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसके लिए हर संभव इंतजाम किए जा रहे हैं।
इस प्रकार, भले ही यात्रा मार्ग को फिर से बहाल कर दिया गया हो, लेकिन बारिश के अलर्ट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यात्रियों से संयम, सतर्कता और सूझबूझ के साथ यात्रा करने की अपील की गई है।
pic credit- GROK