नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तीसरे समन पर भी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के सामने पेश नहीं हुए। ईडी ने शराब नीति में हुए कथित घोटाले में उनको तीसरी बार समन जारी करके तीन जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया था। इससे पहले उनको पिछले साल दो नवंबर और इस साल 19 जनवरी को ईडी ने बुलाया था। तीसरे समन पर हाजिर होने की बजाय चिट्ठी लिख कर केजरीवाल ने कहा है कि वे राज्यसभा चुनाव में गणतंत्र दिवस की तैयारियों में व्यस्त हैं। उन्होंने यह भी लिखा है कि ईडी को जो भी पूछना है वह लिखित में भेजे तो वे जवाब दे देंगे।
इससे पहले आम आदमी पार्टी ने ईडी के समन को गैरकानून बताया और सवाल उठाया कि लोकसभा चुनाव से पहले नोटिस क्यों जारी किया गया है। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में ही जेल में बंद हैं। संजय सिह की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने केजरीवाल को पहला समन जारी करके दो नवंबर को बुलाया था और फिर 19 जनवरी का समन जारी किया लेकिन दोनों केजरीवाल ने समन को गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित बताते हुए ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था।
तीसरे समन के बाद आम आदमी पार्टी ने बुधवार को कहा- हम ईडी की जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ईडी के नोटिस गैरकानूनी है। इनकी मंशा केजरीवाल को गिरफ्तार करने की है, ताकि लोकसभा चुनाव में केजरीवाल प्रचार न कर सकें। गौरतलब है कि पिछले साल अप्रैल में शराब नीति केस में ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सीबीआई ने अपने ऑफिस में करीब साढ़े नौ घंटे तक पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद केजरीवाल ने कहा था- सीबीआई ने जितने सवाल पूछे मैंने सभी के जवाब दिए। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। ये पूरा का पूरा कथित शराब घोटाला झूठ है, फर्जी है और गंदी राजनीति से प्रेरित है। उसके बाद ईडी का समन आने के बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में एक जनमत सर्वेक्षण भी कराया, जिसमें लोगों से पूछा कि अगर केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाता है तो उनको इस्तीफा देना चाहिए या नहीं।