राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

ट्रंप का पांचवीं बार बडबोलापन!

ट्रंप

नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले छह दिन में पांचवी बार यह बात दोहराई है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के लिए व्यापार की तलवार लटकाई। उन्होंने गुरुवार को कतर की राजधानी दोहा में कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों से कहा कि युद्ध बंद करो और व्यापार करो। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में उन्होंने मध्यस्थता की।

दोहा में कही गई उनकी बात को भारत में मीडिया ने एक ट्विस्ट दिया है, जिसमें कहा जा रहा है कि ट्रंप ने यू टर्न किया है और यह नहीं कह रहे हैं कि उनको सीजफायर कराई, बल्कि अब कह रहे हैं कि सीजफायर कराने में मदद की। यह बाल की खाल निकालने जैसा है।

ट्रंप ने पहले दिन यानी 10 मई को भी कहा था कि अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच लंबी वार्ता के बाद सीजफायर पर सहमति बन गई। यही बात उन्होंने 10 से 15 मई के बीच पांच बार कही है। ट्रंप ने बहुत साफ शब्दों में कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में मध्यस्थता की।

ट्रंप का दावा भारत पाकिस्तान सीजफायर में मदद

ट्रंप ने कहा, ‘मैं ये नहीं कहता कि ये मैंने किया, लेकिन ये पक्का है कि पिछले हफ्ते भारत और पाकिस्तान के बीच जो हुआ, मैंने उसे सेटल करने में मदद की। भारत और पाकिस्तान के बीच और भी भयावह हमले हो सकते थे। दोनों देशों ने अचानक मिसाइल दागनी शुरू कर दी, लेकिन हमने सब सेटल कर दिया’।

इतना ही नहीं ट्रंप ने आगे कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि मैं यहां से बाहर नहीं निकलता और दो दिन बाद पता चलता कि मामला सुलझा नहीं है, लेकिन मामला सुलझ गया। मैंने दोनों से व्यापार को लेकर बात की। मैंने कहा कि युद्ध के बजाय व्यापार करें। पाकिस्तान बहुत खुश था, भारत बहुत खुश था। मुझे लगता है कि वे सही रास्ते पर हैं’।

ट्रंप ने सबसे पहले 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर की जानकारी दी थी और मध्यस्थता का दावा किया था। उन्होंने कहा था, ‘मुझे यह ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि अमेरिका की मध्यस्थता में एक लंबी बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। दोनों देशों को समझदारी दिखाने के लिए बधाई’। उन्होंने पांच दिन बाद भी लगभग यही बात कही है।

ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर कहा, ‘वे पिछले एक हजार साल से लड़ रहे हैं। मैंने कहा कि मैं समझौता करा सकता हूं। और मैंने समझौता करा दिया। मैंने कहा कि मुझे इसे निपटाने दो। चलो, उन सभी को एक साथ लाते हैं। आप एक हजार सालों से लड़ रहे हैं और कितना लड़ते रहेंगे। मैं समझौते को लेकर आश्वस्त नहीं था। ये बहुत मुश्किल था। वे लंबे समय से लड़ रहे थे। यह वास्तव में नियंत्रण से बाहर होने जा रहा था’।

Also Read: प्राइवेट स्कूलों की फीस पर कोई अंकुश नहीं!
Pic Credit: ANI

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें