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भाजपा का खास ध्यान विंध्य क्षेत्र पर

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर भाजपा (BJP) का खास जोर विंध्य इलाके (Vindhya Region) पर है, क्योंकि भाजपा इस इलाके में पिछले चुनाव के नतीजों को दोहराना चाहती है, मगर यह आसान भी नहीं है। राज्य का विंध्य वह इलाका है, जहां से वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत मिली थी, वर्तमान में यहां की 30 में से 24 विधानसभा सीटों पर भाजपा का ही कब्जा है। इससे पहले 2013 की बात करें तो भाजपा 17 सीटों पर आकर सिमट गई थी, इससे पहले 2008 के चुनाव में भी भाजपा को यहां से 24 स्थानों पर जीत मिली थी। बीते चुनावों के मुकाबले इस बार विंध्य का मुकाबला रोचक होने के आसार बने हुए हैं, भाजपा संगठन के पास भी इस बात का फीडबैक है कि इस क्षेत्र में पार्टी को पिछले चुनाव के नतीजे दोहराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा।

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यह ऐसा इलाका है जहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है। कांग्रेस में सारा दारोमदार पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह (Ajay Singh) के इर्द-गिर्द आकर ठहरता है, तो वहीं बीजेपी में कई नेताओं के चेहरे सामने आते हैं, मगर उनका प्रभाव अपने विधानसभा क्षेत्र से बाहर दो या दो से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों तक नहीं है। भाजपा को मिले फीडबैक का ही नतीजा है कि बीते दिनों गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का सतना दौरा हुआ और अब 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) रीवा आ रहे हैं। भाजपा की कोशिश इस इलाके के आदिवासी और पिछड़े वर्ग को लुभाने की है। इसी दिशा में प्रयास भी जारी है।

विंध्य क्षेत्र के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में किसी दल की हवा नहीं है, यही कारण है कि सत्ताधारी दल को अपने पुराने रिकॉर्ड को दोहराने की चिंता सताए जा रही है। इतना ही नहीं भाजपा (BJP) के अंदर खाने खींचतान भी है जो चुनाव में नुकसान का कारण बन सकती है। इन स्थितियों से पार्टी का प्रदेश संगठन और पार्टी हाईकमान दोनों वाकिफ हैं, लिहाजा यहां की स्थितियों को दुरुस्त करने की कोशिश जोरों पर है। उसी क्रम में लगातार बड़े नेताओं के दौरे भी हो रहे हैं। (आईएएनएस)

By NI Desk

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