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मणिपुर के पहाड़ों में अफ्सपा लागू रहेगा

नई दिल्ली। मणिपुर में पिछले करीब पांच महीने से चल रही जातीय हिंसा के बीच सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने राज्य के पहाड़ी इलाकों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून यानी अफस्पा लागू रखने का फैसला किया है। इसे एक अक्टूबर से छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। राज्य के सिर्फ 19 थाना क्षेत्रों को ही इस कानून से अलग रखा गया है। इन 19 थाना क्षेत्रों के अलावा राज्य के बाकी हिस्से को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है। हालांकि इन 19 थाना क्षेत्रों में भी कई इलाकों में हिंसा हुई है।

जिन 19 थाना क्षेत्रों को अफ्सपा से अलग रखा गया है उनमें राजधानी इम्फाल भी शामिल है। हालांकि इम्फाल के कई इलाकों में पिछले पांच महीने में हिंसा हुई है। इसके अलावा थोबुल, बिष्णुपुर, मोइरोंग और काकचिंग जैसे इलाकों में भी हिंसा हुई थी, लेकिन इन इलाकों को अफ्सपा से बाहर रखा गया है।

इस बीच, राज्य में दो लापता नाबालिग छात्रों की हत्या के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन और हिंसा बढ़ गई है। मंगलवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें पुलिस को गोली चलानी पड़ी। इसमें 50 से ज्यादा छात्र घायल हुए थे। बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन हुआ। हजारों छात्र सड़क पर विरोध जताने उतरे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की जिसमें कुछ छात्र घायल हुए। दूसरी ओर इस मामले की जांच के लिए सीबीआई के विशेष निदेशक अजय भटनागर अपनी टीम के साथ इम्फाल पहुंच गए हैं। गौरतलब है कि राज्य  सरकार ने दोनों छात्रों की हत्या के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है।

बहरहाल, मणिपुर की ताजा हिंसा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया में लिखा- 147 दिनों से मणिपुर के लोग पीड़ित हैं, लेकिन पीएम मोदी के पास राज्य का दौरा करने का समय नहीं है। इस हिंसा में छात्रों को निशाना बनाए जाने की भयावह तस्वीरों ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर दिया है। उन्होंने लिखा है- अब यह स्पष्ट है कि हिंसा के खिलाफ इस संघर्ष में महिलाओं और बच्चों को हथियार बनाया गया। खूबसूरत राज्य मणिपुर को युद्ध के मैदान में बदल दिया गया है, यह सब बीजेपी के कारण है! खड़गे ने मुख्यमंत्री को हटाने की मांग करते हुए लिखा है- अब समय आ गया है कि पीएम मोदी बीजेपी के अयोग्य मणिपुर के मुख्यमंत्री को बरखास्त करें।

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By NI Desk

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