चेन्नई। विपक्षी गठबंधन के प्रमुख घटक दल डीएमके और कांग्रेस के बीच रविवार को सीट बंटवारे पर बातचीत हुई। ममता बनर्जी के अकेले लड़ने के ऐलान और नीतीश कुमार के गठबंधन छोड़ने के बाद डीएमके की स्थिति बहुत अहम हो गई है। गौरतलब है कि दोनों पार्टियों के बीच पहले से तालमेल है और कांग्रेस राज्य सरकार में शामिल है। पिछली बार डीएमके ने कांग्रेस को नौ सीटें दी थीं और कांग्रेस आठ सीटों पर जीती थी। लेकिन इस बार कांग्रेस ज्यादा सीटों की मांग कर सकती है।
बहरहाल, चेन्नई स्थित डीएमके मुख्यालय अन्ना अरिवलय में दोनों पार्टियों की बैठक हुई। इसमें कांग्रेस की ओर से मुकुल वासनिक और सलमान खुर्शीद बैठक में शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस राज्य की 21 सीटें डीएमके से मांग रही है। गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सेकुलर प्रोग्रेसिव अलायंस के बैनर तले राज्य की 39 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसमें डीएमके के अलावा सात अन्य पार्टियां शामिल थीं। गठबंधन को 38 सीटें मिली थीं। डीएमके 20 सीटों पर लड़ी और सभी सीटों पर जीती। वहीं कांग्रेस नौ सीटों पर लड़ी और आठ पर जीती थी। 10 सीटें अलायंस के अन्य दलों के खाते में गई थीं।
दूसरी ओर अन्ना डीएमके पिछली बार भाजपा के साथ गठबंधन में थी। इस बार वह एनडीए से अलग हो गई है। बहरहाल, तमिलनाडु सरकार के मंत्री और डीएमके नेता राजा कन्नप्पन ने सीट शेयरिंग की मीटिंग से पहले कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने गुरुवार को कहा- कांग्रेस सिर्फ अपने बारे में सोच रही है। पार्टी की ताकत खत्म हो चुकी है। इनके नेता सिर्फ सीट पाने के लिए पार्टी चला रहे हैं। इन्हें लोगों का भला करने से कोई मतलब नहीं है।