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31-07-2025 Vol 19

शांति की स्थापना ‘समझ और करुणा’ से ही संभवः स्वामी चिदानन्द सरस्वती

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ऋषिकेश। आज शान्ति के लिये बहुपक्षवाद और कूटनीति हेतु अन्तर्राष्ट्रीय दिवस (International Day) के अवसर पर परमार्थ निकेतन (Parmarth Niketan) के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती (Swami Chidananda Saraswati) ने वैश्विक शान्ति, वसुधैव कुटुम्बकम् और सर्वे भवन्तु सुखिनः का संदेश देते हुये कहा कि हम सभी दैनिक जीवन में हर पल शान्ति के साथ जीवनयापन करना चाहते परन्तु वैश्विक स्तर पर शांति (Peace) की स्थापना हम सब की ‘समझ और करुणा’ से ही स्थापित हो सकती है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि दुनिया में शान्ति की स्थापना के लिये युवाओं को भ्रम, भटकाव, भय के साथ नहीं बल्कि भाव, भक्ति और सद्भावना के साथ जीना होगा तथा सभी को आस्था और मूल्यों के साथ आगे बढ़ना होगा। हमें एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना है जहां पर स्थायी शांति हो, न्याय हो, समानता हो और आपस में सद्भाव हो।

स्वामी जी ने कहा कि भारत तो हमेशा से ही शान्ति का उद्घोषक रहा है। हमारे ऋषियों ने ’सर्वे भवन्तु सुखिनः’ के दिव्य मंत्रों के माध्यम से सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में शान्ति की स्थापना हेतु प्रार्थना की हैं परन्तु जब हम शान्ति की बात करते है तो शान्ति से तात्पर्य केवल युद्ध विराम से ही नहीं बल्कि हमारे आन्तरिक द्वंद का शमन करने से भी है। वास्तव में देखे तो आन्तरिक शान्ति ही वास्तविक शान्ति का स्रोत है। जब तक अन्तःकरण में शान्ति नहीं होगी तब तक न तो बाहर शान्ति स्थापित की जा सकती है और न ही अपने जीवन में भी प्राप्त की जा सकती है। वास्तव में शान्ति ही तो हमारा वास्तविक स्वरूप हैं, जो कहीं बाहर नहीं बल्कि हम सब के भीतर हैं।

वैश्विक स्तर पर शांति की स्थापना के लिये सभी को मौलिक सुविधायें, उत्तम स्वास्थ्य, समानता और सुरक्षा प्राप्त हो। हमें व्यक्तिगत और वैश्विक स्तर पर सभी मतभेदों से ऊपर उठकर शांति के लिए प्रतिबद्ध होना होगा। हम सभी मिलकर शांति की संस्कृति के निर्माण में योगदान करेंगे तो निश्चित रूपेन शान्ति से युक्त ग्रह का निर्माण किया जा सकता है।

स्वामी जी ने कहा कि हमें विशेष ध्यान रखना होगा कि हमारे विचार, व्यवहार, और सभी कार्यों में शांति हो। हमें सतत विकसित दुनिया के निर्माण के लिये अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति की भी बुनियादी जरूरतों को पूरा करना होगा ताकि किसी को भी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिये संघर्ष न करना पड़े।

वर्तमान समय में हमारे सामने आपसी मतभेद ही एक समस्या नहीं है, बल्कि जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज), ग्लोबल वार्मिग के कारण जीवन का खतरा, आजीविका की परेशानियाँ आदि अनेक समस्यायें भी है। इन वैश्विक संकटों का सामना करने के लिय हम सब मिलकर कार्य करे तो आने वाली पीढ़ियों के लिए शांतिपूर्ण, समृद्ध और सुरक्षित वातावरण तैयार किया जा सकता हैं। आज, हम एक बहुपक्षीय दुनिया में रहते हैं।

शांति को बढ़ावा देने, मानव गरिमा, समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिये मानवाधिकारों की रक्षा और मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करना, समान अधिकारों, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और राष्ट्रों के बीच मैत्री अत्यंत आवश्यक है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने आज विश्व शान्ति यज्ञ के आहुतियां समर्पित कर विश्व मंगल की कामना की।

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

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